चाईबासा : ऐतिहासिक सरकारी शहीद पार्क बनी टीपीएसएल ग्रुप की निजी संपत्ति
चाईबासा में जिला प्रशासन और नगर परिषद चाईबासा का एकमात्र शहीदों के नाम पर ऐतिहासिक शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप का कब्जा हो गया है. कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा शहर के बीचो-बीच शहीदों के नाम पर ऐतिहासिक धरोहर के रूप में बना सरकारी शहीद पार्क टीपीएसएल ग्रुप की निजी संपत्ति बनकर रह गई है.
पूर्व के जिला प्रशासन द्वारा शहर के चौक चौराहो के सौंदर्य करण और एवं सर्वांगीण विकास के लिए चौक चौराहो, पार्क और सरकारी भूमि को उद्योगपतियों संस्थाओं के नाम कर दिया था. पूंजीपतियों उद्योगपतियों के हाथों शहर के चौक चौराहो एवं शहीद पार्क को संचालन करने के लिए दिया था या यूं कहें की शहर के चौक चौराहों को पूंजीपतियों उद्योगपतियों के हाथों गिरवी रख दी थी. रविंद्र भवन के पास नगाड़ा चौक उद्योगपति राजकुमार शाह शाह ब्रदर्स को दी गई थी. इसी तरह टाटा स्टील, रुंगटा ग्रुप, एसीसी सीमेंट कंपनी को विभिन्न चौक चौराहो के सौंदर्य करण का जिम्मा दिया गया था, उसके देखभाल की जिम्मेदारी दी गई थी. शहीद पार्क के सौंदर्यीकरण देखभाल की जिम्मेवारी टीपीएसएल ग्रुप को दी गई थी. शहीदों के नाम पर बना ऐतिहासिक शहीद पार्क का टीपीएसएल ग्रुप द्वारा भव्य सौंद्रयीकरण भी किया गया. एक से बढ़कर एक पेड़ पौधे, फुल बगीचा लगाई गई. भव्य पार्क बनाया गया, मगर इस शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप ने कब्जा कर लिया जो जिला प्रशासन और नगर परिषद की सरकारी संपत्ति है.
शहीद पार्क चाईबासा शहर जिला मुख्यालय के बीचो-बीच एकमात्र पार्क है जहां लोग अपने परिवार, दोस्तों, सगे संबंधियों आदि के साथ घूमने जाते हैं. शहर में कचहरी तालाब का जुबली पार्क दूसरा मनोरंजन का साधन है इसके अलावा और कोई पार्क या स्थल शहर में नहीं है जहां लोग कुछ घंटे आराम से मनोरंजन कर सके और उसका लुप्त उठा सके, क्योंकि शहीद पार्क टीपीएसएल ग्रुप द्वारा संचालित किया जाता है. सुबह और शाम में कुछ ही घंटे के लिए पार्क खुलता है. शहीद पार्क आम लोगों के लिए खोला जाता है. अधिकांश समय पर पार्क बंद रहता है, जबकि सुबह 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक यह पार्क आम लोगों के लिए खोला जाना चाहिए एमएम पार्क में लाइट बत्ती और सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम होना चाहिए, ताकि शहर के बीचो-बीच स्थित इस ऐतिहासिक शहीद पार्क का शहर के लोग और बच्चे इसका लाभ उठा सके. हालांकि ग्रुप द्वारा सिक्योरिटी गार्ड रखा गया है, लेकिन अधिकांश समय पर यह पार्क बंद रहता है. जिससे लोग शहर के बीचो बीच प्रसिद्ध ऐतिहासिक और सुंदर बने पार्क का लुत्फ नहीं उठा पाते है.
बता दें कि चाईबासा में रुंगटा ग्रुप की रूंगटा गार्डन, उद्योगपति बी एल नेवटिया की न्यू कॉलोनी टुंगरी में नेवटीया गार्डन, टाटा चाईबासा रोड पर उद्योगपति स्वर्गीय अशोक कुमार जैन की जैन पार्क हैं. लेकिन यह तीनों पार्क इन उद्योगपतियों की निजी संपत्ति है. हालांकि पर्व त्योहारों एवं नववर्ष आदि पर रूंगटा गार्डन आम लोगों के लिए खुला रहता है. अन्य दिनों में पार्क बंद रहता है और पास के आधार पर पार्क में लोग जा सकते हैं उसका लुप्त उठा सकते हैं. मगर, शहर के चौक चौराहो और शहीद पार्क को जिस उद्देश्य के साथ जिला प्रशासन ने उद्योगपतियों को दी थी, सौंद्रयीकरण एवं देखभाल का जिम्मा सौंपा था वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. नगाड़ा चौक के आसपास चारों तरफ गड्ढे हो गए हैं. वहीं शहीदों के नाम पर बना ऐतिहासिक शहीद पार्क पर टीपीएसएल ग्रुप की निजी संपत्ति बनकर रह गई है. एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन करोड़ो अरबों रुपए से पूरे जिला का विकास करती है, विकास योजना चलाती है. मगर, चौक चौराहो, ऐतिहासिक स्थलों को खुद सुरक्षित नहीं कर पाती, चला नहीं पाती और उद्योगपतियों पूंजी पतियों के हाथों गिरवी रख देती है. (संतोष वर्मा की रिपोर्ट).
Comments are closed.