सीवान : आज़ादी के 70 सालों बाद भी विकास की पटरी पर नहीं आ सका प्रथम राष्ट्रपति का गाँव जीरादेई
अभिषेक श्रीवास्तव
देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की 133 वीं जयंती को लेकर जहाँ सीवान के जीरादेई स्थित उनके पैतृक आवास पर पुरे जोर-शोर से तैयारी चल रही है. वहीं उन्हें जन्म देने वाला जीरादेई गाँव आजादी के 70 सालो बाद भी पूर्ण रूप से विकास की पटरी पर नहीं चढ़ सका है.
सीवान जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर की दुरी पर स्थित जीरादेई गाँव, जिसे देश को एक महान स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले राष्ट्रपति देने का गौरव प्राप्त है. गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति और देशरत्न की उपाधि से नवाजे जाने वाले बाबु राजेन्द्र प्रसाद का जन्म सन 1884 में इसी जीरादेई की धरती पर हुआ था. विद्वता और सादगी की प्रतिमूर्ति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने तीन बार देश का राष्ट्रपति बन देश की कमान संभाली थी लेकिन आजादी के 70 साल गुजर जाने के बाद भी इस गाँव की दशा और दिशा में कोई भी खास परिवर्त्तन नहीं हुआ है. जीरादेई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के लिए बने दो चार बेंच और चबूतरो के अलावें कोई भी सुविधा नहीं है. ना तो यहाँ बड़ी गाड़ियों का ठहराव है और ना शौचालय और प्रतीक्षालय. गांव में देशरत्न की धर्मपत्नी राजवंशी देवी के नाम पर एक राजकीय औषधालय की स्थापना हुयी थी. लेकिन,आज सरकार की उपेक्षा का शिकार होकर वह खंडहर में तब्दील हो गया है.
हालाकि देशरत्न की गरिमा और उनके धरोहर को बरक़रार रखने की नियत से केंद्र सरकार द्वारा जीरादेई स्थित डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक मकान को पुरातत्व विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है. जिस कारण देशरत्न का पैतृक मकान उनकी स्मृति शेष के रूप में बच गया है. राज्य सरकार ने इसे पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इस दिशा में भी अब तक कोई कवायद शुरू नही हुयी है. बावजूद इसके रोजाना यहाँ सैकड़ो की तादाद में पर्यटक और दर्शक आते हैं. जिनकी ख्वाईश है कि देशरत्न के मकान को सरकार कम से कम एक म्यूजियम अथवा लाईब्रेरी के रूप में तब्दील कर देती. ताकि देशरत्न के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जान पाते. वहीं स्थानीय लोगों की माने तो गाँव में बिजली, सड़क और पानी के साथ-साथ स्वास्थ्य, चिकित्सा और शिक्षा का भी घोर अभाव है. जिस कारण 19 पंचायतो और करीब एक लाख 67 हजार की आबादी वाले इस जीरादेई प्रखंड के लोगों को शिक्षा और चिकित्सा के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. बता दें कि प्रधानमन्त्री ग्राम विकास योजना के तहत सीवान के भाजपा सांसद ओमप्रकाश यादव ने जीरादेई को गोद लिया है. लेकिन सांसद के गोद लिए जाने पर जीरादेई विकास से इतर उनके द्वारा प्रदत्त सोलर लाइट घोटाला के विवाद को लेकर सुर्ख़ियों में है.
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