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सीवान : “आखर” द्वारा भोजपुरी साहित्यकार पाण्डेय कपिल की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान में भोजपुरी साहित्य के सशक्त स्तम्भ स्वर्गीय पाण्डेय कपिल की याद में रविवार को शहर के माधव नगर स्थित महावीरी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के सभागार में आखर परिवार सीवान की ओर से एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर भोजपुरी साहित्य व संस्कृति की रचना व विस्तार में पाण्डेय कपिल के योगदान को रेखांकित करते हुए लोगों  पाण्डेय कपिल के तैल चित्र पर  माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर के उन्हे भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी.

इस मौके पर अपनी श्रद्धांजलि देते हुए भोजपुरी की ऑनलाइन पत्रिका आखर के संपादक संजय कुमार सिंह ने कहा कि पाण्डेय कपिल हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार के समकक्ष थे. हिन्दी साहित्य में चार रचनाएं मधुशाला, गोदान, गुनाहो के देवता व चित्रलेखा आधार स्तंभ मानी जाती है. भोजपुरी में पाण्डेय कपिल के द्वारा लिखित उपन्यास फुलसुंघी इन चारों रचनाओं के समानांतर है. उन्होंने कहा कि उस दौर में जब हिन्दी में अपार संभावनाएं थी, तब पाण्डेय कपिल ने अपनी मातृभाषा भोजपुरी को सीचने की जिम्मेवारी ली. यह अपने आप में भोजपुरी भाषा व साहित्य के उनका सबसे बड़ा योगदान है. पाण्डेय कपिल के इस योगदान को कभी भी भुलाया नही जा सकता है. सभा को संबोधित करते हुए पाण्डेय कपिल के भांजा व अधिवक्ता राकेश रंजन रणधीर ने कहा कि साहित्य मामा जी को विरासत में मिली थी. वे प्रारंभिक दिनों में हिन्दी में लिखा करते थे, लेकिन मातृभाषा की प्रति उनकी प्रेम ने उन्हे भोजपुरी में लिखने के लिए प्रेरित किया.

सभा को डाक्टर अमित कुमार मोनू ने भी संबोधित किया. वहीं कार्यक्रम का संचालन रेडियो स्नेही के आरजे राणा प्रताप सिंह ने किया. जबकि कार्यक्रम में शामिल लोगों का स्वागत निलेश वर्मा नील ने किया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन पत्रकार नवीन सिंह परमार ने किया. इस मौके पर भास्कर रंजन, सतीश कुमार दूबे, धर्मेंद्र पर्वत, नीलेश वर्मा, अनिल पाण्डेय, विजय प्रसाद, राजेश पाण्डेय, राकेश तिवारी, राघव जी राय, मुकेश कुमार सिंह, अक्षत नील, निखिल कुमार समेत दर्जनो की संख्या में आखर परिवार के लोग व भोजपुरी भाषी प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहें.

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