सीवान में नहाये-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा प्रारंभ, बाजारों की बढ़ी रौनक
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान में लोक आस्था के महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार को नहाये-खाय के साथ हो गयी. इसको लेकर मंगलवार को जिले भर मे खासी चहल पहल रही. क्या गांव क्या शहर, सभी ओर छठी मइया की धूम मची है. जिला मुख्यालय के राजेन्द्र पथ, नगर थाना रोड, सब्जी बाजार, बड़हरिया रोड, कागजी मुहल्ला रोड, छपरा रोड, महादेवा रोड के अलावे कदम मोड़, बड़हरिया, जामो, गोरयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर, लकड़ीनबीगंज, महाराजगंज, दरौंदा, पचरुखी, चैनपुर, सिसवन, रघुनाथपुर, आंदर, असाँव, हसनपुरा, हुसैनगंज, दरौली, गुठनी, मैरवा व नवतन आदि प्रखंड मुख्यालयों के अलावे ग्रामीण इलाको के बाजारों हाटो मे भी विशेष चहल पहल रही.
सर्वाधिक भीड़ कपड़ा व छठ पूजा की सामग्रियों की दुकानों पर उमड़ रही है. कमर तोड़ महंगाई के बाद भी लोगों की आस्था कम होते नही दिख रही है. इस बार कपड़ा के दामों पर भी काफी वृद्धि हुयी है. जीएसटी के कारण लोग व कारोबारी सभी काफी परेशान है. कई लोगों ने बताया कि जो कपड़ा पहले 100 रुपया मे मिलता था. वह इस बार सीधे 200 का मिलने लगा है. इसके बावजूद भी खरीदार हिम्मत नही हार रहे हैं, क्योकि ऐसी मान्यता है कि छठ पर्व के अवसर पर नए वस्त्र होने चाहिए. तभी तो सभी लोग खरीदारी मे लगे है. शहर में जगह जगह नारियल, अनारस, आवंला, कच्चा केला, पक्का केला, अदरक, हल्दी, गागल, नींबू, साठी की चावल, इमली का पत्ता, सुप, दउरा, सुपली के अलावे पटाखे की दुकाने भी सजी हैं. जहां खरीदारों की विशेष भीड़ उमड़ रही है. मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक बाजारों मे भीड़ लगी रही.
वहीं मंगलवार को भी जिले के शहरी व ग्रामीण इलाको के सभी छठ घाटों की साफ सफाई, रंगाई पुताई आदि का कार्य भी युद्ध स्तर पर चलते रहा. स्वंय जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने दाहा नदी के पुल घाट के अलावे अन्य घाटों पर जा कर साफ सफाई के कार्य का निरीक्षण किया व अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए. हालाकि कई जगह अभी भी छठ घाटों की सफाई पूरी नहीं हो सकी है. पचरुखी में छठ घात का अतिक्रमण कर वहां गहर बना लेने और घाट पर गंदे नाले का पानी बहाए जाने से स्थानीय लोग और छठ व्रती काफी परेशान हैं.
गौरतलब है कि भगवान भास्कर व गंगा मइया की आराधना व उपासना के लिए विख्यात चार दिवसीय छठ पर्व के पहले दिन मंगलवार की शाम मे भोजन आदि करने के बाद बुधवार को दिन भर निर्जला व्रत रखने के साथ ही शाम मे मिट्टी के वर्तन व चूल्हे पर साठी के चावल व गुड़ का रसिआव बना कर के रोटी के साथ प्रसाद के रूप मे ग्रहण करना है. उसके बाद अगले 24 घण्टे बाद अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. उसके अगले सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व संपन्न होगा. इस पर्व मे पूर्ण रूप से शुद्धता रखी जाती है.
वहीं छठ पर्व के शुरू होने के साथ ही चारो तरफ छठ पूजा के गीत बजने लगे हैं. “काचहीं बास के बहंगिया, ओहि पर सुगा मेडरास” के अलावें छठी मइया के अनेकों कर्णप्रिय गीत आजकल शहरी व ग्रामीण इलाको मे गूंजने लगे हैं. जिससे कि एक अलग ढंग से भक्ति का भाव दिखने लगा है.
छठ पूजा की तिथि एवं समय :
बुधवार 25 अक्टूबर – पंचमी, खरना.
गुरुवार 26 अक्टूबर – षष्ठी, संध्या अर्घ्य.
सूर्योदय – 06:24.
सूर्यास्त – 05:36.
शुक्रवार 27 अक्टूबर – सप्तमी, सुबह का अर्घ्य.
सूर्योदय – 06:24.
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