कैमूर : भभुआ सदर अस्पताल के अनुसेवकों ने किया कार्य का बहिष्कार, सीएस को लिखा मांग पत्र
कैमूर से बड़ी खबर है, जहां भभुआ सदर अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य अनुसेवकों ने अपनी मांग को लेकर सिविल सर्जन को पत्र लिख कार्य का बहिष्कार कर दिया है.
अनुसेवको का कहना है कि 15 साल से 83 रुपया प्रतिदिन मानदेय पर कार्य करते आ रहे हैं. पिछली बार कोरोना महामारी में भी रात-दिन काम किए पर सभी स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का वेतन दिया गया. उन्होंने ने कहा कि कोरोना महामारी में कार्य करके कई कर्मी आज कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, पर सदर अस्पताल से कुछ भी मदद नहीं मिलती है. इसलिए सदर अस्पताल प्रशासन से अपनी मांग करते है कि मानदेह बढ़ाया जाए. साथ ही एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए.
बता दे कि ऐसे कर्मी जिले भर में 65 है जो कोरोना महामारी में मरीजो को रात दिन एक कर के सेवा दे रहे हैं, पर मजदूरी सिर्फ 83 रुपया मिलता है. अनुसेवकों का कहना है कि हम लोग टोटल फोर्थ ग्रेड के स्वास्थ कर्मी है जो कोरोना वॉरियर में काम कर रहे हैं. ना तो एएनएम का पता है ना ही किसी कर्मी का, बस हम लोग ही इस महामारी में कार्य कर रहे हैं जो कि एक छोटा से इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर चढ़ाना उतारना या यूं कहें कि चौबीसों घंटे हम लोग तत्पर हैं, जिसकी वजह से हमारा घर, परिवार, बच्चे सभी लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, पर हम लोगों को सिर्फ 83 रुपये पर डे ही दिया जा रहा है. यानी 25 सौ रुपये महीना ही दिया जाता है. अब सोचने वाली बात यह है कि इतने पैसे में हमलोग अपना खर्च चलायें कि बच्चों की दवाई करायें. इसी को लेकर हमलोगों ने सिविल सर्जन को आवेदन पत्र देकर मांग किये है कि हमलोगों का प्रोत्साहन राशि दिया जाय और वेतन बढ़ाया जाए और सभी को समायोजित किया जाए. क्योंकि इतना पैसे में हम सभी अनुसेवकों का भरण पोषण नहीं हो रहा है. हमारे बच्चें भूखे रह जा रहे हैं तो हम लोग यहीं पत्र के माध्यम से कहना चाहते हैं कि हमारी मांग को पूरी किया जाय नहीं तो हमलोग अपने कार्य का बहिष्कार करते रहेंगे. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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