मुली के खाने के फायदे
मूली तासीर में गर्म, तीखी, चरपरी, भूख बढ़ाने वाली, कृमि, वायु, फोड़ों, बवासीर, शरीर की सूजन, हृदय रोग, हिचकी, चर्म रोग व माहवारी में होने वाली समस्याओं आदि को दूर करती है। जब किसी युवती को माहवारी न आए या अचानक रुक जाए तो मूली के बीजों का चूर्ण 3-5 ग्राम दिन में दो बार गर्म पानी से लें। मूली व इसके पत्तों की सब्जी खाने से कब्ज दूर होती है।
इसके बीजों का चूर्ण कुछ दिनों तक लगातार लेने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है। मूत्र त्याग में कष्ट, जलन और कमी हो तो इसके पत्तों सहित तैयार रस पीने से लाभ होता है। कच्ची मूली खाने से खूनी बवासीर में फायदा होता है। मूली के रस में काला या सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीने से पेट का दर्द दूर होता है।
ग्लूकोज की कमी से आता है गुस्सा
अमरीका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में की गई एक स्टडी के अनुसार ग्लूकोज यानी कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा की कमी आपके गुस्से की वजह बन सकती है। लंबे समय तक कुछ न खाने से शरीर में ग्लूकोज का स्तर कम होता चला जाता है जिससे व्यक्ति चिड़चिडï़ा होकर गुस्सा करने लगता है। आमतौर पर लोगों के साथ ऐसी परिस्थितियां शाम के समय होती हैं क्योंकि इस दौरान दोपहर के खाने के बाद खाली पेट रहते हुए उन्हें एक लंबा समय हो चुका होता है। इसलिए लंच और डिनर के बीच में एक हल्का-फुल्का नाश्ता जरूर करें।
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