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कैमूर : बैंक ऑफ इंडिया की बड़ी गड़बड़ी उजागर, लोन चुकता का नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने के बाद भी बैंक काट रहा उपभोक्ताओं के खाते से रुपये

कैमूर जिले के रामगढ़ बैंक में ऑफ इंडिया स्थित शाखा इकाई में अजीबोगरीब मामले सामने आने से बैंक का कारनामें कार्य इन दिनों सुर्खियों में है. अगर आप मामले के तथ्यों तक जाएंगे तो हैरत में पड़ जायेंगे और दांतों तले उंगीलिया दबाने को मजबूर हो जायेगे. बैंक की सार्थकता इस कदर बन गयी है कि सीसी लोन व्यवसायी कर्ता द्वारा लोन बैंक को अदा कर “नो ड्यूज” का पत्र बैंक से मिलने के बावजूद भी बैंक सूद जोड़ने में आमादा है.

ऐसे में बैंक की यह गैरजिम्मेदाराना कार्य अशोभनीय प्रतीत होने लगी है. वहीं पीड़ित व्यवसायी बैंक का चक्कर काटते काटते परेशान हो रहे हैं. बता दें कि रामगढ़ बाजार के मंटू प्रसाद साईं उन घर के नाम से पांच लाख रुपये का सीसी लोन लिया हुआ था, जिसका खाता नम्बर 46330110000128 शामिल है. मगर मजे की बात यह है कि सीसी लोनकर्ता व्यवसायी ने गत 10 सितम्बर 2020  को एक लाख 77 हजार रुपये कर्ज वाले लोन बैंक को जमा कर दिया था. इसके बाद उपरोक्त तिथि के दिन की उसी बैंक में फिक्स डिपॉजिट व मोबाईल के जरिये सीसी वाले बकाया पैसे को देकर लोन की सिस्टम से छुटकारा पा गया. वहीं बैंक ने भी सीसी लोन वाले पैसे को अदायगी होने पर नौ ड्यूज का पत्र भी दे दिया. जिससे व्यवसायी टेंशन मुक्त हो गया. मगर जब उक्त खाते से पैसे डेविट होने पर व्यवसायी का होश फाख्ते हो गए. वहीं तीन दिसम्बर को पैसा इन्सुरेंस सहित अन्य मामले में कटा (डेविट) हुआ पाया गया तो किसकी सूचना पीड़ित व्यवसायी द्वारा शाखा प्रबंध के समक्ष पहुंचकर दी गई. मगर बैंक अपनी पलीता लगाने के चक्कर में मशगूल रहा.

ऐसे में इसे बैंक की मनमानी या टेक्निशियन फॉल्ट कहे से अतिश्योक्ति नहीं होगी. सवाल यह उठता है कि नो ड्यूज होने बाद खाते से पैसे कैसे डेविट हुआ. आखिर पैसा काटा भी गया तो क्यों नहीं इसकी सूचना नो ड्यूज पाने वाले वैसे व्यवसायी के समक्ष दी गई. ऐसे में विभाग का बहुत बड़ा फॉल्ट माना जाएगा. वहीं ऐसी बातें सुर्खियों में आने से कई ग्राहकों की परखता व विश्वास का प्रतीत माने जाने वाले बैंक से अविश्वास जाहिर होने लगी है. अब यह देखना है कि इस जिले के आला अधिकारी इस पर क्या एक्शन लेते हैं. क्या पीड़िता व्यवसाय को न्याय मिल पाती है या नहीं. यह तो जांच का विषय है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

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