सहरसा : डीएम की अध्यक्षता में कोविड-19 वैक्सीन की तैयारी हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित
सहरसा में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर टीका आने में फिलहाल कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना टीकाकरण की कवायद शुरू कर दी गयी है. वैक्सीन उपलब्ध होने पर प्रथम चरण में सरकारी व गैर-सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत कर्मियों व आईसीडीएस सेवाओं से जुड़े कर्मियों यथा आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को कोरोना का टीका लगाया जायेगा. टीकाकरण से जुड़ी तैयारी की समीक्षा करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक विकास भवन, सभागार में आयोजित की गयी.
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्राप्त दिशा निर्देश के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण के प्रथम चरण में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े फ्रंटलाइन कर्मियों को टीकाकरण किया जाना है. अतएव स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी कर्मियों यथा आशा, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, सफाई कर्मी, झाड़ूकस, सरकारी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मियों इत्यादि का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. साथ ही जिला एवं प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े निजी स्वास्थ्य क्षेत्र के चिकित्सक, ग्रामीण चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को टीकारकरण भी प्रथम चरण में ही किया जाना है. इस डाटाबेस को भारत सरकार के पोर्टल पर भी अपलोड करने का कार्य निष्पादित किया जा रहा है.
बैठक में सभी संबंधित विभागों से प्राप्त डाटा की गहन समीक्षा जिलाधकारी द्वारा किया गया. कोई कर्मी छूटे नहीं इस हेतु संबंधित विभाग के नोडल पदाधिकारियों एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को विशेष निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया. वहीं वैक्सीन के रख-रखाव हेतु कोल्ड चैन की जिला स्तर एवं पीएचसी स्तर पर सिविल सर्जन को आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया. प्रखंड स्तर पर प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की गठन एवं बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी से समन्वय कर आयोजित कराने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिया गया है. टीकाकर्मी के रूप में संभावित स्वास्थ्य कर्मियों को चिन्हित कर प्रशिक्षण हेतु सूची तैयार करने का निर्देश भी जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया.
बैठक में जानकारी देते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम दैर में है. ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले समय में कोरोना का वैक्सीन उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकेगा. कोविड-19 काल में सरकारी व निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मी एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के सेविकाओं व सहायिकाओं ने कोरोना योद्धा व फ्रंटलाइन कर्मी के रूप में अपना विशेष योगदान दिया है. इसलिए टीकाकरण के प्रथम चरण में ऐसे ही कर्मियों के टीकाकरण का दिशा निर्देश दिया गया है. कर्मियों के डेटाबेस तैयार कर भारत सरकार की वेबसाईट पर अपलोड करने के कार्य भी साथ-साथ किये जा रहे हैं. वहीं सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को कोरोना वैक्सीन से संबंधित आवश्यक तैयारी यथा कर्मियों का डेटाबेस पूर्ण करने एवं वैक्सीन के रख-रखाव के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया. सिविल सर्जन के द्वारा बताया गया कि जिला एवं प्रखंड स्तर पर वैक्सीन के रख-रखाव हेतु अलग से 21 डीप फ्रीजर एवं 15 एएलआर राज्य स्तर से सहरसा जिला को उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला स्तर पर एक वॉक-ईन-फ्रीजर की उपलब्धता भी राज्य स्तर से की जाएगी. प्रथम चरण में अपना निजी क्लिनिक संचालन करने वाले मेडिकल प्रैक्टिसनर, आयुर्वेद, होमियोपैथ, युनानी पद्धती से उपचार करने वाले चिकित्सक तक को टीकाकरण हेतु शामिल किया जाना है. बैठक में कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित तैयारी का पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया.
बैठक में सहरसा जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी एवं टास्क फोर्स के सदस्यगण तथा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ-साथ डब्लूएचओ, यूएनडीपी, यूनिसेफ, केयर इंडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. (राजा कुमार की रिपोर्ट).
Comments are closed.