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छपरा : रैपिड एंटिजन किट से कोविड-19 के जांच को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण

छपरा जिले में अब रैपिड एंटिजन किट से कोविड-19 का जांच किया जा रहा है. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में स्वास्थ्यकर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया.

बता दें कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने निरीक्षण के दौरान यह आदेश दिया था कि रैपिड एंटिजन किट के माध्यम से कोविड19 के टेस्टिंग में तेजी लायी जाये और इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाये. जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी भानू शर्मा ने प्रखंड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक, डाटा ऑपरेटरों को प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षण में सभी कर्मियों को कोविड-19 बिहार पोर्टल पर प्रविष्टि करने एवं ससमय परिणाम को अद्यतन करने के लिए जानकारी दी गयी.

डीएमएंडई भानू शर्मा ने बताया कि जिले में अब रैपिड एंटिजन कीट से कोविड-19 का जांच किया जा रहा है. जिसका का डाटा कोविड-19 बिहार पोर्टल पर ससमय अपलोड किया जाना अति आवश्यक है. इसको लेकर आ रही कठिनाईयों को दूर करने के लिए सभी ट्रेनिंग दी गयी है. ताकि टेस्टिंग और रिपोर्ट अपलोडिंग में तेजी लायी जा सके. जिले में कोरोना के मरीज एकाएक बढ़े हैं. इसमें रैपिड एंटीजन किट को कारगर अस्त्र माना जा रहा है. यह ऐसी किट है जो 30 मिनट में टेस्ट का परिणाम दे रही है. यही कारण है कि जहां भी कोरोना वायरस का मरीज मिल रहा है उसे क्षेत्र में इसी किट का इस्तेमाल कर वायरस के संक्रमण विस्तार को रोका जा रहा है. यह सबसे ज्यादा कारगर साबित हुई है. मरीज मिलने का मुख्य कारण टेस्ट अधिक करना है.

डीएम ने दिया था निर्देश :

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के टेस्टिंग में तेजी लायी जाये और इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण भी दिया जाये. ताकि कोविड-19 के टेस्टिंग और रिपोर्ट अपलोड बेहतर तरीके से किया जा सके. डीएम के निर्देश के आलोक में यह प्रशिक्षण दिया गया.

रैपिड एंटीजन टेस्ट क्या है :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने बताया कि रैपिड एंटीजन कोरेना जांच की नई तकनीक है. इसमें संदिग्ध व्यक्ति की नाक में स्ट्रिप डालकर स्वैब का सैंपल लिया जाता है. किट में सोल्यूशन की तीन ड्राप डालकर फ्लूड के साथ मिलाया जाता है. इसमें केवल 30 मिनट में रिजल्ट आ जाता है. अगर रिपोर्ट में एक लाइन आती है तो रिपोर्ट नेगेटिव होती है. अगर लाइन दो हो जाए तो वह कोरोना पॉजिटिव माना जाता है. यह किट सबसे ज्यादा कारगार सिद्ध हो रही है.

टेस्ट करने के चार तरीके :

स्वाब टेस्ट : इस टेस्ट में एक कॉटन स्वाब से गले या नाक के अंदर से सैंपल लिए जाते हैं.
नेजल एस्पिरेट : वायरस की जांच करने वाला आपकी नाक में एक सॉल्यूशन डालने के बाद सैंपल कलेक्ट कर उसकी जांच करता है.
ट्रेशल एस्पिरेट : ब्रोंकोस्कोप नाम का एक पतला ट्यूब आपके फेफड़े में डालकर वहां से सैंपल लेकर उसकी जांच की जाती है.
सप्टम टेस्ट : यह फेफड़े में जमा मैटेरियल या नाक से स्वाब के जरिये निकाले जाने वाले सैंपल का टेस्ट होता है.

30 मिनट के भीतर आ रहे नतीजे :

एंटीजेन टेस्ट में 30 मिनट के अंदर रिजल्ट मिल रहा है. वहीं आरटी-पीसीआर में रिजल्ट आने में 6 से 24 घंटे लग जाते हैं. तब तक तो संक्रमित व्यक्ति को पता नहीं होता कि वो पॉजिटिव है और वो कई लोगों को वायरस फैला चुका होता है. रैपिड एंटीजन में आधे घंटे के अंदर ही रिपोर्ट सामने आ जाती है, ऐसे में शख्स को आइसोलेट किया जा सकता है. संक्रमित शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है. (सेंट्रल डेस्क).

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