गोपालगंज में पुलिसिया ज्यादती का शिकार हुआ युवक, न्याय के लिए दर दर की खा रहा ठोकर
अतुल सागर
बिहार की पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस की कार्यशैली पर आये दिन सवाल खड़े हो रहे है. ताजा मामला गोपालगंज का है. जहाँ पुलिस की ज्यादती का शिकार युवक न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है. वहीं पीड़ित न्याय के लिए जब कोर्ट की शरण में गया तो उसे केस उठाने का दबाव और केस नहीं उठाने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
45 वर्षीय सुजीत शुक्ला नगर थाना के अधिवक्ता नगर के रहने वाले है. अपने परिवार के साथ रोजी रोजगार के लिए बालू का कारोबार करते थे. लेकिन अब वे बेरोजगार है. इसकी वजह है कि सुजीत का किसी बात को लेकर नगर थाना में तैनात एक दरोगा से अनबन हो गयी. इस अनबन को लेकर इस युवक को 17 दिसम्बर 2016 को नगर थाना पुलिस के द्वारा नगर थाना के चैनपट्टी के समीप से गिरफ्तार किया गया. पीड़ित सुजीत के मुताबिक उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जिले के कई थानों में रखकर तीन दिनों तक बेरहमी से पिटाई की गयी. उन्हें टॉर्चर किया गया. फिर 20 दिसम्बर 2016 को उन्हें स्कार्पियो में शराब की तस्करी के साथ गिरफ़्तारी का दावा किया गया.
पीड़ित के मुताबिक उन्हें जब 17 दिसम्बर को गिरफतार किया गया. तब अगले दिन के सभी अखबारों में इसकी गिरफ़्तारी की खबर भी छपी. बावजूद इसके पुलिस ने उन्हें तीन दिनों तक प्रताड़ित किया और बाद में उनके ऊपर शराब तस्करी का झूठा मुकदमा ठोककर उन्हें 21 तारीख को जेल भेज दिया. जेल से छूटने के बाद पीड़ित ने न्याय को लेकर हर जगह गुहार लगायी. पीड़ित परिजनों के मुताबिक उन्हें कोर्ट से बेल मिलने के बाद पटना हाई कोर्ट से स्कार्पियो को छोड़ने का आदेश दिया गया. साथ ही गोपालगंज कोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मियों को कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का आदेश भी दिया.
लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर थाना पुलिस के द्वारा उनके जब्त स्कार्पियो छोड़ने के बजाये पीड़ित को थाने से फटकार लगाकर भगा दिया गया. पुलिस की ज्यादती से पीड़ित युवक ने नगर थाना के कई तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया. पीड़ित परिजनों के मुताबिक इस मुकदमा के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है. साथ में केस उठाने का दबाव बनाया जा रहा है. जिस कारण पीड़ित परिजन डरे सहमे न्याय के लिए हर जगह गुहार लगा रहे हैं.
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