सीवान : निर्दलीय विधायक ब्यास सिंह ने सुता मिल के वर्करों के धरने को दिया समर्थन, सीएम से मिलकर मांगो को पूरा कराने की कही बात
सीवान में इन दिनों राजनीति का केंद्र बने दो दशकों से बंद पड़े सीवान सहकारी सुता मिल के कर्मचारियों और मजदूरों के धरने में सोमवार को भाजपा नेता और दरौंदा के निर्दलीय विधायक कर्णजीत सिंह उर्फ ब्यास सिंह ने भी पहुंच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मिल के कर्मचारियों व मजदूरों की मांगों को जायज बताते हूए उनके हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया.
बता दें कि पिछले दो दशकों को से बंद पड़े सीवान सहकारी सुता मिल के भवन को सरकार द्वारा नीलाम किये जाने के बाद उसके भवन को तोड़ने का विरोध करते हुए अपने बकाए वेतन के भुगतान और समायोजन की मांगों को लेकर मिल के कुछ कर्मचारी और मजदूर पिछले 18 जून से धरना दे रहे हैं. मिल के वर्करों के धरने की खबर के बाद रोजाना किसी न किसी राजनीतिक दल के नेता और जनप्रतिनिधि मिल पर पहुंच उनके धरने को अपना समर्थन देते हुए उनकी मांगों को जायज बता उनके समर्थन में सरकार से बात करने की ताल ठोक रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को दरौंदा विधायक भी मिल पहुंच गए और मिलकर्मियों को मुख्यमंत्री से मिल बकाए वेतन और समायोजन करा देने की बाते कहीं. इस मौके पर मिल कर्मचारी यूनियन म अध्यक्ष प्रिंस उपाध्याय, सचिव लाल मोहम्मद मियां, उपाध्यक्ष बच्चा सिंह, गोरखनाथ सिंह, शिव शंकर यादव, जैनुल साह, राम नरेश यादव, संजय चौधरी, सुभाष साव, फैयाज अहमद, उदयभान सिंह, आशा देवी, आभा रानी सिन्हा, उषा देवी व एसआर यादव सहित कई मजदूर मौजूद रहें.
उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे मिल के कर्मचारियों और मजदूर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं, लिहाजा, चुनावी मौसम में धरने पर बैठे मिल के वर्कर जिले भर के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के आंखों के तारे बन गए हैं. पूर्व विधायक और भाकपा माले नेता अमरनाथ यादव, पूर्व मंत्री व राजद नेता विक्रम कुंअर, पूर्व एमएलसी व पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के अलावें पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव मिल पर आकर मजदूरों व कर्मचारियों से मिल चुके हैं और उनके पक्ष में कार्य करने का आश्वासन भी दिया है. वहीं अभी सदर भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद, बड़हरिया के जदयू विधायक श्यामबहादुर सिंह और पूर्व मंत्री व राजद नेता अवध बिहारी चौधरी ने मिल का रुख नहीं किया है. (सेंट्रल डेस्क).
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