कैमूर : कोरोना काल मे निजी विद्यालयों के बंद होने से शिक्षकों का बुरा हाल, भुखमरी के कगार पर पहुंचे शिक्षकों ने की स्कूल खोले जाने की मांग
कैमूर में कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-2 शुरू किये जाने पर भी राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. जिसका सबसे अधिक प्रभाव छोटे शहर में संचालित निजी विद्यालय के शिक्षकों पर पड़ रहा है. आलम यह है कि शिक्षक अब भुखमरी के कगार पर आ गए हैं जिसको लेकर वे सरकार से नियमों को जमीनी स्तर पर जांच कर विद्यालयों को चालू किये जाने की गुहार लगा रहे है.
बता दें कि कैमूर जिले में निजी शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई तो बाधित हुई ही है साथ ही निजी विद्यालय अपने शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण शिक्षक न सिर्फ भूखमरी के कगार पर खड़े है बल्कि उनके परिवार का पालन-पोषण करना भी दूर्लभ साबित हो रहा है. जिले के कुछ निजी विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण 24 मार्च से ही विद्यालय बंद हैं. तब से विद्यालय के द्वारा एक भी महीने का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि वे अपने घर से प्रतिदिन ऑनलाइ क्लास भी बच्चों को करा रहें है फिर भी वेतन का भुगतान नहीं हुआ. जबकि जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने निजी विद्यालय निर्देशकों के साथ बैठक में शिक्षकों का वेतन समय पर देने की बात कही थी. बावजूद इसके निजी विद्यालयों के द्वारा अपने शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
वहीं शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाया है कि नियमों की जमीनी स्तर पर जांच कर स्कूल खोलने की छूट दी जाए. बस स्टैंड या सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंस की खुलेआम धज्जियां उड़ रहीं है तो वहां कोरोना का खतरा नहीं है जबकि एक विद्यालय का शिक्षक शिक्षा बांट रहा है तो वहां कैसे खतरा हो सकता है ? उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन कर स्कूल में पढ़न-पाठन का कार्य शुरू किया जा सकता है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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