नालंदा : आरबीएसके फार्मासिस्ट और एएनएम से संघ की हड़तातल चौथे दिन भी जारी
नालंदा में वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर पिछले 29 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए आरबीएसके फार्मासिस्ट और एनएम संघ के सदस्यों का हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा. जहां गुरुवार को हड़तालकर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर प्रदर्शन किया और हड़ताल पर डटे रहने की बातें कही.
बता दें कि इसके पूर्व अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से लेकर सिविल सर्जन तक को पत्र लिखकर होम क्वारेंटाइन पर चले गए थे. होम क्वारेंटाइन में रहने के बाद भी इनकी मांगो को नहीं माना गया तो हड़ताल पर चले गए.
वहीं हड़ताल का नेतृत्व कर रहे फार्मासिस्ट के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि आरबीएसके फार्मासिस्ट की बहाली 2015 में लिखित परीक्षा के माध्यम से हुई थी. इसमें फार्मासिस्ट के साथ आयुष डॉक्टर और एएनएम की बहाली एक ही विज्ञापन के माध्यम से हुई थी. बहाली के समय आयुष चिकित्सकों का मानदेय बीस हजार फार्मासिस्ट का बारह हजार और एएनएम का 11 हजार पांच सौ था, पर वर्तमान में कोविड-19 के समय केवल आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया, जबकि फार्मासिस्ट और एएनएम के मानदेय पर कोई विचार नहीं किया गया. इसके लिए दो वर्षो से कई बार विभाग से वेतन विसंगति को दूर करने के लिए आग्रह किया गया साथ ही इसके लिए उच्च न्यायालय से भी एक आदेश पारित हुआ जिसमें हम सभी फार्मासिस्ट को सक्षम पदाधिकारी के पास अपने वेतन विसंगति के वात को रखने के लिए कहा गया. इसके आलोक में कई बार विभाग को ज्ञापन दिया गया. सरकार और विभाग के इस भेदभाव की नीति के कारण फार्मासिस्ट और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं. इस मौके पर ओमप्रकाश, प्रियंका कुमारी, गौतम कुमार व प्रभा कुमारी मौजूद थी. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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