नवादा : लॉकडाउन में ईद को देख स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बना रहीं चूड़ी-लहठी
नवादा के वारसलीगंज प्रखंड के मसूदा गांव में संचालित एक स्वयं साहयता समूह ने लॉकडाउन के कारण श्रृंगार की दुकानों के बन्द होने को लेकर ईद के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं को चूड़ी और लहठी उपलब्ध कराने की ठानी है, जिसको लेकर समूह की महिलाएं इन दिनों चूड़ी-लहठी के निर्माण में जोर-शोर से जुटी हैं, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रही हैं.
बता दें कि मुस्लिमों का पर्व ईद नजदीक है, लेकिन लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद हैं. बाजार में चूड़ी-लहठी भी नहीं मिल रही. ऐसे में वारिसलीगंज क्षेत्र की कुछ मुस्लिम महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मोबाइल पर संपर्क किया. समूह की महिलाओं ने लॉकडाउन के शर्तों का पालन करते हुए चूड़ी उपलब्ध कराने की बात कही और चूड़ी-लहठी बनाने में जुट गईं.
गौरतलब है कि जिले में वारिसलीगंज प्रखंड के मसूदा गांव स्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को चूड़ियां बनाने में काफी दक्ष माना जाता हैं. नाबार्ड की मदद से इस स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को चूड़ी-लहठी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था. अवार्ड और नई प्रयास संस्था से जुड़ी महिलाएं कमला देवी, रेखा देवी, मानो देवी, रेखा देवी, चंपा देवी आदि महिलाएं इस स्वरोजगार से जुड़ी हुई हैं.
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की माने तो लॉकडाउन के पहले मंगाए गए कच्चे माल स्टॉक में बचे हुए थे. उस स्टॉक का इस्तेमाल कर वे चूड़ी-लहठी बनाने में जुट गई हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा देवी व मीना कुमारी ने बताया कि समूह की महिलाएं नालंदा जिला के सिलाव से चूड़ी-लहठी बनाने का कच्चा माल लाती हैं और उससे चूड़ी-लहठी बनाती हैं. फिर उसे घर-घर जाकर बेचती हैं. शादी-विवाह के अवसर पर भी इस समूह को काफी ऑर्डर मिलते हैं. लेकिन इस साल कोरोना के कारण उन्हें कोई ऑडर्र नहीं मिल सका और इन्हें काफी घाटा सहना पड़ा. इधर, कुछ मुस्लिम महिलाओं ने चूड़ी की मांग रखी तो समूह के द्वारा निर्माण किया जा रहा है. इससे जहां क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं को चूड़ियां मिल जाएंगी तो वहीं निर्माण में जुटी महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिल जाएगी. यह स्वरोजगार परिवार के रोजी-रोटी के लिए काफी सहायक है. (सन्नी भगत की रिपोर्ट).
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