कैमूर : लॉकडाउन में हरियाणा से रिक्शा चलाकर घर पहुंचे पांच मजदूर
कैमूर में लॉकडाउन ने प्रवासी मजदूरों को हजारों किलोमीटर का सफर पैदल, साइकिल और रिक्शा से पूरा करने को मजबूर कर दिया है. आलम ऐसा है कि कोई 10 दिन से साइकिल तो कोई 10 दिनों से लगातार रिक्शा चला रहा है.
बता दें कि हरियाणा से लखीसराय और सुपौल के लिए रिक्शा पर सवार पांच मजदूर कैमूर पहुंचे. दूसरे प्रदेशों में अपने परिवार के लिए को दो वक्त की रोटी जुटाने गए मजदूरों पर बेरोजगारी और लॉकडाउन का ऐसा असर पड़ा कि सभी मजबूर होकर वापस अपने घर लौटने लगे हैं. हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लखीसराय और सुपौल के प्रवासी मजदूरों ने कैमूर स्थित यूपी-बिहार बॉर्डर पर बताया कि हरियाणा में रिक्शा चलाकर घर परिवार को पैसा भेजते थे, ताकि परिवार चल सके. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनका काम बंद हो गया.
मजदूर ने बताया कि मजबूरन रिक्शा चलाकर हजारों किलोमीटर का सफर तय कर 10 दिनों के कठिन प्रयास के बाद कैमूर पहुंच गए. अभी सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना बाकी है. हालांकि उन्होंने कहा कि रास्ते में कई सामाजिक लोग और सरकार की ओर से कई जगहों पर खाने-पीने का इंतजाम किया गया. लेकिन लगातार रिक्शा चलाते-चलाते उनके पैर में छाले पड़ गए हैं. मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाई है कि किसी तरह उनके रोजगार का इंतजाम बिहार में ही कर दिया जाए. ताकि अब उन्हें रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश जाने की जरूरत ना पड़े. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने रोजगार उपलब्ध कराने की बात भी कही है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि सरकार लॉकडाउन में बेरोजगारी के चैलेंज से कैसे निपटती है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
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