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नवादा : “हुनर खोज” के तहत डीएम ने कादिरगंज में रेशम उद्योग के कारीगरों से की मुलाकात

नवादा में मंगलवार को जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने कादिरगंज क्षेत्र का दौरा किया. जहां उन्होंने रेशम उद्योग के कार्य से जुड़े बुनकरों के घर जाकर तसर निर्माण के कार्य को देखा.

वहीं डीएम ने बताया कि कादिरगंज में रेशम उद्योग का कार्य बड़े पैमाने पर होता है. लॉकडाउन का असर पूरे बिहार के अलावा नवादा में भी देख जा रहा है. देश भर से प्रवासी मजदूरों का आगमन भारी तादाद में नवादा जिला में प्रवेश कर रहा है. ये प्रवासी नवादा जिले के स्थायी निवासी हैं. भविष्य में इनके लिए रोजगार की आवयकता होगी. इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने “हुनर की खोज” के तहत कादिरगंज पहुंचकर रेशम उद्योग से संबंधित विस्तृत जानकारी हासिल की.

उन्हें बताया गया कि रेशम से बने तसर, अंडी, मूंगा, मलवरी के वस्त्र निर्माण किये जाते हैं. जिसमें कादिरगंज में तसर का निर्माण बृहत पैमाने पर किया जाता है. उन्हें बताया गया कि इस कार्य के लिए कच्चा माल छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से कोकून मंगाया जाता है. अच्छे किस्म का कोकून चाईवासा से डाभा कोकून मंगाया जाता है. उन्हें 1280 गोटी यानि एक खारी या काहन का मूल्य भी बताया गया. यहां लगभग 300 परिवार इसी पे से जुड़े हैं. मार्केटिंग की व्यवस्था कॉपरेटिव सोायटी एवं बुनकर सहयोग समिति के द्वारा की जाती है. यहां के बने उत्पाद बिक्री के लिए दिल्ली भेजे जाते हैं. जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर इस उद्योग को बढ़ाने की जरूरत है. नयी तकनीकी के साथ आर्थिक मदद भी देने की बात कही गयी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस उद्योग से जुड़ सके. अच्छी आमदनी हो, यहां के स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति और भी सुधरे. इसके उज्जवल भविष्य के लिए उद्योग विभाग के संबंधित पदाधिकारी को आवयक निर्देश दिये गए.

इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर उमेश भारती, डीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार, टेक्सटाइल डिजाइनर-सह-मार्केटिंग एक्सक्यूटिव पूजा कुमारी भगत, स्थानीय बुनकर जितेन्द्र राम, भोला राम आदि उपस्थित थे. (सन्नी भगत की रिपोर्ट).

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