नालंदा : शब-ए-बारात के दिन मज़ारों पर नहीं उमड़ेगी भीड़, बड़ी दरगाह के पीर साहब ने घरों में रहकर इबादत करने की कही बात
नालंदा जिले भर में शब-ए-बराअत की तैयारी शुरू हो गई है. आगामी 9 अप्रैल को यह त्योहार मनाया जाएगा. लेकिन इस बार पिछले वर्षों की तरह ना तो मस्जिद व मज़ारों पर लोगों की भीड़ उमड़ेगी और ही पटाखे फूटेंगे. केवल घरों में बन्द रहकर इबादतें की जाएंगी. जिलेभर के उल्मा-ए-दीन ने लॉकडाउन के पालन की अपील की है. उन्होंने कहा कि लोग मौके की नजाकत को समझें और एहतियात बरतें.
वहीं बड़ी दरगाह के गद्दीनशी पीर साहब ने बताया कि शबे बारात की सभी इबादतें नफिल हैं. इसको घरों में रहकर किया जा सकता है. घरों में रहकर अल्लाह-त-आला को राज़ी करने की कोशिश करें. रातभर अज़कारो अफ़कार, नमाज़, तस्वीह व दूसरे दिन रोजा का एहतमाम करें. पटाखों से अपने आपको दूर रखें.
इधर, डीएम योगेंद्र सिंह ने भी कहा है कि जिलेभर में पूरी सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा. इस दौरान सभी थानाध्यक्ष व अन्य सम्बंधित अधिकारियों को इसे लागू कराने का आदेश दिया गया है. लॉक डाउन के दरमियान किसी भी धार्मिक भीड़ वाले कार्यक्रम पर रोक रहेगी. जिस प्रकार रामनवमी का त्योहार लोगों ने घरों में रहकर मनाया है. उसी प्रकार शब-ए-बारात भी घरों में रहकर मनाएं. भीड़ भाड़ से बचें. डीएम ने बताया कि सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि शब-ए-बारात के दौरान कहीं भी भीड़ न लगने पाए. किसी जगह भी आने-जाने की किसी को अनुमति नहीं होगी. सभी लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करेंगे.
इबादतों की रात है शब-ए-बारात
शब-ए-बारात में हजरत मोहम्मद साहब ने रात में जागकर इबादतें की थी. अपने बुजुर्गों की बख्शीश के लिए अल्लाह ताला से दुआएं भी की थी. उसके बाद से मुसलमान रात भर जागकर अल्लाह तआला की इबादत करते और अपने बुजुर्गों की खबरों पर जाकर फतेहाख्वानी करते हैं. कहा जाता है कि उस रात अल्लाह ताला अपने गुनाहगार बंदों की बक्शीश करते हैं और उन्हें जन्नत में दाखिल करते हैं इस कारण लोग उस दिन खासतौर से अपने बुजुर्गों की कब्रों पर जाकर फातिहा पढ़ते और अल्लाह ताला से उनके मगफिरत की दुआएं करते हैं. (प्रणय राज की रिपोर्ट).
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