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सीवान के पचरुखी चीनी मिल की नीलामी के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले वाले किसान नेता गिरफ्तार

कुमार विपेंद्र

फाइल फोटो.

सीवान के पचरुखी चीनी मिल की जमीन की नीलामी के विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले किसान नेता उमेश कुमार को पचरुखी थाना पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गिरफ्तारी की सूचना क्षेत्र के किसानों में आग की तरह फैल गई. गिरफ्तारी चर्चा हर चौक-चौपाल पर हो रही है. स्थानीय किसानों में गिरफ्तारी को लेकर भारी आक्रोश है.

बता दे कि पचरुखी चीनी मिल का मामला इसी वर्ष सात जून को उस समय तूल पकड़ लिया जब पचरुखी सीओ गिन्नी लाल प्रसाद भारी पुलिस बल के साथ चीनी मिल की जमीन पर पैमाइश करने पहुँचे थे. मगर चीनी मिल परिसर में सीओ को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोग आक्रोशित होकर गोलबंद होने लगे थे. जब प्रशासन चीनी मिल में भूमि की पैमाइश कराने लगा तो इससे गुस्साए लोगों ने उमेश कुमार के नेतृत्व में सैकड़ो की संख्या में आकर पैमाइश को रोक दिया था. इस पर प्रशासन थोड़ा सख्त हुआ तो किसान नेता उमेश कुमार की प्रशासन से कथित तनातनी हो गई थी. इसके बाद पचरुखी सीओ गिन्नी लाल प्रसाद ने पचरुखी थाना कांड संख्या 116/17 दर्ज कराया था.

उधर, किसान नेता सह बड़हरिया विधान सभा की पूर्व प्रत्याशी उमेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी आरती देवी काफी आक्रामक दिखीं और पचरुखी सीओ पर आरोपों की झड़ी लगा दीं. आरती देवी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पचरुखी सीओ और बेनामी सम्पति धारी अधिकारी ये न समझें कि उमेश कुमार के जेल चले जाने पर किसानों का आंदोलन समाप्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि आंदोलन अब और धारदार होगा. अब आंदोलन में स्थानीय महिलाएं भी भाग लेंगी. भू माफिया और बेनामी सम्पति वाले अभी से चेत जायें.

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