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दुमका : तारादह गांव में पुल के अभाव नदी और नाले को पार कर स्कूल जाने को विवश हैं बच्चे

दुमका ज़िला के रानेश्वर प्रखंड के तालडंगाल पंचायत के अन्तर्गत तारादह गांव का आंगनबाड़ी और उत्क्रमिक प्राथमिक विद्यालय के सड़क मार्ग से नही जुड़ा होने के कारण स्कूली बच्चो को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि तारादह गांव के बंगाली टोला के ग्रामीणों और बच्चो को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि यह टोला और आंगनबाड़ी व उत्क्रमिक प्राथमिक विद्यालय के बीच में एक जोरिया पड़ता है. इसको पार करने में पानी तो एक समस्या है ही साथ-साथ यहाँ बहुत पथरीला जमीन है, जिस कारण अक्सर बच्चे और बड़े गिरकर चोटिल हो जाते है. वर्षा के दिनों में जोरिया को पार करना बहुत खतरनाक हो जाता है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस टोला का अधिकाश खेत जोरिया के पार पड़ता है जिस कारण मवेशियों को भी उस पार ले जाने और ले आने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस टोला में सिर्फ दो चापाकल है,जिसमे एक चापाकल गर्मी के मौसम में करीब सुख ही जाता है. उस समय ग्रामीण काफी कठिनाईयो के बाद भी पीने का पानी लाने के लिय जोरिया पार आंगनबाड़ी से पानी लाने के लिय मजबूर होते है. अभी भी कुछ ग्रामीण जोरिया पारकर आंगनबाड़ी के चापाकल से पानी लाते है. ग्रामीणों का कहना है कि जोरिया में पुल बनवाने के लिय शिकारीपाड़ा विधान सभा क्षेत्र के विधायक नलिन सोरेन को करीब चार वर्ष पूर्व मौखिक शिकायत किये थे लेकिन कोई कार्यवाही नही हुआ. उसके बाद ग्रामीणों ने वर्तमान झारखण्ड सरकार के कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी को लिखित आवेदन दिए उसके बाद भी जोरिया में पुल का निर्माण नही किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि उसके बाद दुमका लोक सभा क्षेत्र के सांसद सुनील सोरेन और झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मौखिक शिकायत किया गया था लेकिन अब तक जोरिया में पुल का निर्माण नही किया गया. जोरिया में पुल नही बनने के कारण ग्रामीण काफी नाराज, आक्रोश और ठगे हुए महसूस कर रहे है.

वहीं ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि जो भी नेता वोट मांगने आयेगा उससे यह सवाल पूछा जायेगा आखिर वोट देने के बाद भी जोरिया में पुल का निर्माण क्यों नही हुआ. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही जोरिया पर पुल का निर्माण नही किया जाता है तो चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जाएगा.

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