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पचरुखी के प्राथमिक मकतब भरतपुरा में समय से नहीं आते शिक्षक, बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे

कुमार विपेंद्र

शिक्षा विभाग लाख कोशिश कर ले, लेकिन फरार रहने वाले शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. ड्राईव अभियान हो या कोई औचक निरीक्षण, इन निरीक्षणों में समयनिष्ठ और कर्तव्यनीष्ठ शिक्षक ही पकड़े जाते हैं. कुछ यही हाल पचरुखी प्रखंड के प्राथमिक मकतब भरतपुरा का है. यहां के शिक्षकों को कब आना है और कब जाना, इसका कोई ठिकाना नहीं है.

शनिवार को यह विद्यालय 9:45 बजे पूर्वाह्न तक बंद था. बच्चे खेल रहे थे. मौके पर अनुश्रवण में पहुंचे संकुल समन्यवक मुन्ना कुमार ने इसकी तस्वीर खींच कर बीआरपीसीआरसीसी के आफिसियल ग्रुप में इसे पोस्ट कर दिया. परंतु इन शिक्षकों की ढिठाई तो देखिए कि वे इसे मानने के बजाय समन्वयक पर ही दोषारोपण करने लगे. यही नहीं इस विद्यालय के एक और सहायक शिक्षक जो कि सत्तारूढ़ दल के एक रसुखदार राजनेता के भाई हैं, विद्यालय छोड़कर सोमवार को बीआरसी में बीईओ के साथ बैठे हुए थे. जबकि इनके प्रधानाध्यापक स्वयं प्रधानाध्यापकों की बैठक में आये थे.

वहीं सूत्रों से पता चला कि पचरुखी प्रखंड संसाधन केन्द्र के एक बीआरपी शिक्षकों का सामुदायिक आधार पर विभाजन करके काम करते हैं. एक खास समुदाय के प्रति इनका रवैया शिक्षा की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है. लेकिन विभाग इस पर मौन है.
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि इस बीआरपी का पद प्रखंड में था ही नहीं और ना ही इसकी जरूरत है. क्योंकि जिले के विभिन्न प्रखंडों में इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं थी. वैसे शिक्षकों का कहना है कि यह शिक्षा विभाग है. यहां सब कुछ संभव है. इस पुरे मामले पर बीइओ साहब से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

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