चाईबासा : चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत
संतोष वर्मा
चाईबासा सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर अनुमंडल के प्रखंड मुख्याल के जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थय केद्र में आयुष्मान योजना के तहत भर्ती के एक मरीज का इलाज के अभाव में मौत होने का नामले सामने आया है.
बता दें कि 23 मई को 28 वर्ष युवक मिलू कुम्हार इलाज के लिए जगन्नाथपुर सीएचसी में 1 बजे दिन को भर्ती हुआ था. वहीं पेट दर्द से कराहता मिलू का इलाज स्वंय सीएचसी के प्रभारी सुशांत कुमार माझी के द्वारा किया गया था. वहीं अस्पताल प्रभारी सुशांत कुमार माझी द्वारा रात्रि सेवाकाल के चिकित्सक पंकज महतो को रात्रि ओपीडी के तहत मरीजों का जांच करने को कहा गया था. लेकिन चिकित्सक पंकज महतो ना रात्रि काल में राउंड पर आये और ना ही दर्द से कराहता मिलू कुम्हार को देखने पहुंचे. नतीजा यह हुआ कि दुसरे दिन सुबह जब डॉ पंकज महतो उक्त मरीज को करीब सवा दस बजे देखने को पहुंचे तो मरीज का स्थिति पुरी तरह बिगड़ चुकी थी और आनन फानन में मिलू कुम्हार को बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की सहमती बनी तो एबुंलेश 108 को बुलाया गया जब तक एबुंलेश 108 पहूंचा तब तक साढ़े दस बजे मिलु कुम्हार की मौत हो गई.
वहीं अब मामला को फंसता देख प्रभार प्रभारी चिकित्सक पंकज महतो ने आनन फानन में दो ग्रुप डी महिला कर्मचारी मिरा देवी और ज्योती पुरती को एक दिन का वेतन काटने तथा सेवा समाप्त करने की बात को लेकर कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जबकि उक्त दोनो ग्रुप डी कर्मचारी का इलाज से सबंधित मामले को लेकर कोई मतलब नहीं बनता है. वहीं यदि रात्रि प्रहरी के चिकित्सक डॉ पंकज महतो द्वारा उक्त मरिज का जांच कर लिया जाता और उसे रेफर कर दिया जाता तो शायद मिलू की मौत नहीं होती.
हालांकि अब मामला तूल पकड़ने लगा है और मृतक के परिजन चिकित्सक के द्वारा बरती गई लापरवाही के विरुद्ध आंदोलन की बात कह रहे हैं. मृतक के परिजन सीधे डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सुशांत कुमार मांझी 3 दिनों की छुट्टी में शुक्रवार को कोलकाता जाने की बात कही जा रही है. उक्त मरीज का भर्ती भी डॉक्टर माझी के द्वारा ली गई थी जिसकी मौत हो गई.
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