जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई
अभिजीत अधर्जी
जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम जिले के एक मात्र और सबसे बड़ा अस्पताल एमजीएम अस्पताल है. यहां प्रत्येक दिन सैकड़ों गरीब लोग इलाज कराने के लिए जमशेदपुर एवं आसपास के क्षेत्र से आते हैं. लगातार सुर्खियों में रहने वाली एमजीएम अस्पताल में 400 अस्थाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद अस्पताल की विधि व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. ताजा मामला जमशेदपुर के ओलिडीह थाना अंतर्गत संकोसाई में बिजली विभाग के ठेकेदार द्वारा सड़क किनारे सीमेंट का पोल लगाने के दौरान रस्सी स्लिप कर गिरने से गौतम गोराई नामक व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गया.
बताया जा रहा है कि संकोसाई में डीवीसी ठेकेदार द्वारा रस्सी बांधकर पोल लगाया जा रहा था. ठेकेदार के मजदूर द्वारा पोल को खड़ा करने के दौरान रस्सी स्लिप कर पोल गिरने लगा मौका देकर सभी मजदूर भाग खड़े हुए. वहीं सड़क किनारे अपने घर के पास खड़े गौतम गोराई का ऊपर पोल गिरने से वह बुरी तरह घायल हो गया. आनन-फानन में स्थानीय लोगों के सहयोग से एमजीएम अस्पताल लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति नाजुक बनी हुई देख टीएमएच रेफर कर दिया गया. फिलहाल, टीएमएच में इलाज चल रही है.
उधर, मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं होने से मरीज के परिजनों ने एमजीएम के ड्रेसिंग रूम से गोद में उठाकर ले जाने में मजबूर है. इससे सवाल उठता है जो मरीज चल नहीं पाते हैं उनको अगर स्टेचर नहीं मिले और उनके साथ अगर कोई नहीं रहे तो मरीज का जान भी जा सकती है. वैसे सरकारी अस्पताल में इलाज कराना दुर्भाग्य की बात है. ऐसी परिस्थिति में अब देखना यह है और कबतक सुधरेगा एमजीएम अस्पताल और इलाज के दौरान गरीबों के चेहरे में मुस्कुराहट कब देखने को मिलेगी.
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