नवादा : राशि मुहैया नहीं होने के कारण बंद हुई उत्पाद विभाग की पेट्रोलिंग, सरकार की शराबबंदी कानून तोड़ रही दम
सन्नी भगत
नवादा जिले में नीताश सरकार की शराबबंदी कानून दम तोड़ती नजर आ रही है. जहां एक तरफ शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नए प्रावधान लाए जा रहे है वहीं जिले में उत्पाद विभाग द्वारा छापेमारी अभियान इन दिनों बंद हैं. क्योंकि उन्हें इसके लिए राशि मुहैया नहीं कराई जा रही है. नतीजन विभाग की गाड़ियां यूं ही खड़ी हैं. यह हाल विगत कुछ दिनों से लगातार जारी है.
दरसल विभाग द्वारा राशि आवंटन नहीं किये जाने के अभाव में इस अभियान को बड़ा झटका पहुंच रहा है. झारखंड राज्य से सटे होने के कारण नवादा जिला और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है बावजूद चेक पोस्ट ज्यादा समय तक खुले ही रह जाते हैं. आमतौर पर विभाग के कर्मी शिफ्ट के अनुसार वहां अपनी ड्यूटी करते हैं मगर गाड़ी में डीजल नहीं रहने के कारण छापेमारी दल वहां नही पहुंच पा रहा है. वहीं उत्पाद विभाग को भाड़े पर अपनी गाड़ी देने वाले मालिक का कहना है कि सरकार की अनदेखी के कारण उन्हें आर्थिक रूप से घाटा सहना पड़ रहा है.
निजी गाड़ी के मालिक राजेश कुमार ने बताया कि उनका अंतिम भुगतान सितंबर 2017 में हुआ था एवं अक्टूबर 2017 से उन्हें विभाग के द्वारा एक भी पैसा नहीं दिया गया जिसके कारण उत्पाद विभाग के द्वारा उन्हें दस लाख रुपए किराया देना है. दूसरी ओर गाड़ी मालिक पिंटू का कहना है कि पैसा बकाया होने के कारण जब अधिकारी से पैसे की मांग की गई तो उनकी गाड़ी को ही विभाग से निकाल दिया गया. आज भी उनका विभाग के ऊपर साढ़े चार लाख रुपए का कर्ज है ऐसे में कुछ गाड़ी मालिक लाखों रुपए का नुकसान सह रहे हैं. उन्होंने बताया कि कर्ज राशि को लेकर कई बार विभाग के अधिकारी को बोला गया मगर कई वर्षों से उन्हें आज तक पैसा नहीं मिल पाया है. वहीं इस मामले में जब उत्पाद अधीक्षक से सवाल किए गए तो उन्होंने बताया कि विभाग को इस स्थिति की जानकारी दे दी गई है मगर, अभी तक विभाग की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
गौरतलब है कि जिला अधिकारी को भी इस बात से अवगत करा दिया गया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि विभाग आखिर किस कारणवश राशि का आवंटन नहीं कर पा रहा है. गाड़ियों का किराया बकाया होने के साथ ही कुछ होमगार्ड के जवानों का भी कई माह का वेतन बकाया है.
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