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चाईबासा : चौमिन बेच बॉक्सर बनी रंजीत कौर, टाटा स्टील के 12वें राज्यस्तरीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में हासिल किया गोल्ड मेडल

संतोष वर्मा

कहते हैं कि मन में इच्छाशक्ति हो तो हर मुश्किल कार्य भी आसान हो जाता है. इस बात को सच साबित कर दिखाया है रंजित कौर ने. कभी ओड़िशा की सड़क किनारे चौमिन की ठेला लगाने वाली रंजीत कौर ने आज टाटा स्टील नोवामुण्डी के द्वारा 12 वां राज्य स्तरीय मुक्केबाज चैम्पियन शीप में गोल्ड मेडल हासिल की है.

ओडिशा से नोआमुंडी की यात्रा करने वाली 30 वर्षीय रंजीत कौर ने बॉक्सिंग के लिए अपने प्यार को जीवित रखने में समय के साथ जुनून पैदा किया. कौर आने वाले वर्षों में झारखंड की मैरीकॉम बनना चाहती हैं. ओडिशा के राउरकेला जिले में जन्मी कौर का हमेशा से ही खेलों काफी दिलचस्पी थी. राउरकेला में एक निजी खनन फर्म में काम करते हुए कौर के सपने बहुत लंबे समय तक बिखरते रहे. जबतक कि पिछले साल उन्हें नोआमुंडी बॉक्सिंग सेंटर (एनबीसी) के बारे में पता नहीं चला.

2017 में एनबीसी ने नोआमुंडी में झारखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन के सहयोग से 11वें झारखंड स्टेट बॉक्सिंग चैंपियनशिप की मेजबानी की थी. यह टूर्नामेंट मानो कौर के लिए एक बुलावा था और भाग्य ने उसके सपनों की एक नयी इबारत लिखना शुरू कर दिया. कुशल प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के तहत, कौर के पास अब 12वें झारखंड स्टेट बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपना प्रदर्शन दिखाने का समय था, जो 26 दिसंबर, 2018 से नोआमुंडी में चली थी. कौर पहली बार राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में 60-64 किलोग्राम लाइट वेल्टर भार वर्ग के तहत मुकाबला करेगी. प्रतिदिन 8 घंटे कठोर अभ्यास करने वाली कौर की इच्छा अगले स्तर तक पहुंचने की है.

अपनी शुरुआत के बारे में उत्साहित कौर ने कहाः “एक मुक्केबाज बनना मेरा एक पुराना सपना था. यह वास्तव में मेरे लिए एक भावनात्मक क्षण है. अभी 8 महीने से अधिक समय से मेरा प्रशिक्षण चल रहा है और अब मुझे अपने लिटमस टेस्ट का इंतजार है. नोआमुंडी में टाटा स्टील के अत्याधुनिक बॉक्सिंग सेंटर ने मेरे सपने को जीवंत कर दिया है. इस उम्र में महिला मुक्केबाज होना चुनौती है, लेकिन यह उस खेल के प्रति जूनून है, जो मुझे हर समय शक्ति प्रदान करती रहती है.”

पिछले वर्ष झारखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन से जुड़े एनबीसी में 40 से अधिक नवोदित मुक्केबाज हैं, जो अपने सपने को साकार करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं. इन्हीं में रंजीत कौर जैसे लोग हैं, जो बाहर निकल कर आते हैं और वर्जनाओं को तोड़ते हैं.

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