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दुमका : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रमंडल स्तरीय कृषि समागम समारोह का किया उद्घाटन

दुमका जिले के जामा प्रखंड स्थित मधुबन गांव में प्रमंडल स्तरीय कृषि समागम समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उद्योग एवं कृषि के समग्र विकास के साथ ही समाज, राज्य एवं देश का विकास सम्भव है. कृषि अर्थ व्यवस्था की धूरी है. आर्थिक विकास दर बढ़ाना है तो कृषि का विकास नितांत आवश्यक है. कृषि, खेती, बागवानी एवं पशुपालन तीनों का समन्वित रूप है. आज के वैश्विक युग में किसान को उन्नत बनाकर ही हम विकास कर सकते है. प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना बनाया जाय. हमारे राज्य के कृषक, हमारी आदिवासी बहनें मेहनती हैं. इन बहनों को सशक्त बनाना हमारा उद्देश्य है झारखण्ड की महिला शक्ति को मैं राज्य की शक्ति बनाना चाहता हूँ.

उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि वर्ष 2013-14 में कृषि विकास -4.5 था जबकि 2018-19 में यह ग्रोथ $14.29 है. यह हमारे किसानों के मेहनत का ही परिणाम है कि विगत 4 वर्षाें में कृषि विकास में 19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. मैं इन किसानों से गौरवान्वित महशूस करता हूँ. हमारा उद्देश्य गरीबों के चेहरे पर मुश्कान लाना है. झारखण्ड में सुशासन लाना है पारदर्शि शासन लाना है. विकास हमारी प्राथमिकता है. एक समृद्धशाली राज्य की गोद में बसने वाली गरीबी को दूर करना हमारा उद्देश्य है.

उन्होंने कहा कि झारखण्ड की सब्जी की बहुत मांग है. किसान सब्जियों का उत्पादन करें उन्हें बाजार की चिंता नहीं करनी है. निर्यातक उद्यमी अब्दुल हमीद के अनुभव का लाभ लेते हुए उन्हें सब्जियों के निर्यात उपलब्ध कराने के लिए सरकार पहल करेगी. हमारा लक्ष्य है कि झारखण्ड की सब्जी दुनियां में जाये. मुख्यमंत्री में कहा कि आज झारखण्ड में लगभग 400 करोड़ का दूध बाहर से आता है. हमारे युवा सेल्फ हेल्प गु्रप के माध्यम से डेयरी फर्म बनायें. सरकार एक गाय पर 50 प्रतिशत तक सब्सीडी देगी. गांव समृद्धशाली बने. युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें. संथाल परगना के हर घर में एक गाय आवश्यक है. उन्होंने कहा कि इसी क्रम में बेहतर सम्पर्क बनाने के लिए ई-सर्विस को ध्यानगत रखते हुए सरकार 28 लाख किसानों को निःशुल्क मोबाईल देगी. माह जनवरी से मोबाईल बंटना आरंभ हो जायेगा.

कृषि तकनिक को बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को इजराईल भेजा गया था, जहां से वे कृषि की उन्नत तकनीक को सीख कर आये हैं. उन्होंने कहा कि ये किसान अपने अपने गांवों में छोटी छोटी बैठक कर अन्य किसानों को तकनीक बतायें. शीघ्र ही अन्य 100 किसानों को भी भेजा जायेगा। जिसमें से 50 कृषक संथाल परगना के होंगे और इनमें भी 25 महिलायें होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर कई कृषकों के अनुभवों को सुनने का मौका मिला. महिलायें सेल्फ हेल्फ गु्रप के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं. अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर रही है. ये महिलायें स्वयं जागरूक हैं ये समाज में जायें और अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें. उन्होंने इजराईल से लौटे मधुबन के पाॅलिहाउस विधि से उत्पादन करने वाले कृषक नुनुलाल बेसरा को अपने विवेकानुदान मद से 50 हजार रूपये देने की घोषणा की. इसी प्रकार मशरूम की खेती करने वाली सुचिता कुमारी को इक्कीस हजार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की 21 हजार रूपये देने की घोषणा की.

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