मोतिहारी : प्रो अनिल कुमार राय बने एमजीसीयू के कुलपति, निवर्तमान कुलपति से दिल्ली में लिया प्रभार
एम के सिंह
मोतिहारी में हाल के दिनों में कुलपति के कारनामों से बदनामी झेल रहे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत सरकार ने नये कुलपति की नियुक्ति कर दी है. विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो अनिल कुमार राय को तत्काल प्रभाव से नया कुलपति नियुक्त किया गया है. प्रो अनिल कुमार राय ने गुरुवार को निवर्तमान कुलपति प्रो अरविंद कुमार अग्रवाल से देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज में कुलपति पद का प्रभार ले लिया.
उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केविवि में स्थायी कुलपति की नियुक्ति होने तक प्रो राय को कुलपति पद का दायित्व सौंपा है. कुलपति पद का प्रभार लेने के बाद प्रो राय ने मिडिया को बताया कि विवि में अध्ययन-अध्यापन का माहौल बनाना उनकी प्रथम प्राथमिकता होगी. विद्यार्थियों व अध्यापकों को किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पडे़ इसके लिए वे हमेशा प्रयासरत रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगले सत्र से केविवि में पीजी पाठ्यक्रम एवं पत्रकारिता के अलावा अन्य कई विषयों की पढ़ाई शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि केविवि की जमीन के लिए भी प्रशासन व सरकार से मिलकर सकारात्मक प्रयास किया जायेगा, ताकि भवन निर्माण कार्य शुरू हो सके. नये कुलपति ने कहा कि केविवि चंपारण और बिहार का गौरव है और सभी के सहयोग से ही आगे बढ़ेगा.
बता दें कि गत 30 अक्टूबर को केविवि के कुलपति प्रो अरविंद कुमार अग्रवाल ने अपना इस्तीफा मानव संसाधन मंत्रालय को दिया था, जिसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. जिस पर राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी थी.
शुरू से विवादों में रहे हैं केविवि के प्रथम कुलपति
मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केविवि के कुलपति प्रो अरविंद कुमार अग्रवाल शुरू से ही विवादों के घेरे में रहे हैं. उन पर आरोप है कि कुलपति के पद पर आने के लिए उन्होंने अपने अकादमिक परिचय पत्र में जालसाजी की है. अरविंद अग्रवाल ने जर्मनी के किसी संस्थान से पीएचडी नहीं की है बल्कि उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से डिग्री ली है. इसके बाद मामला काफी आगे बढ़ गया था. वे अपने ही विभाग के निशाने पर आ गये. जब मीडिया ने इस बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया था. इसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. गौरतलब है कि केविवि में कई बार छात्रों और शिक्षकों ने भी कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोला था और कई आरोप भी लगाए थे. आए दिन विश्वविद्यालय में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी हुआ था. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि नये कुलपति के कार्यकाल में में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनेगा और विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा.
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