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चाईबासा : सीआरपीएफ और पुलिस के सयुंक्त अभियान में नक्सलियों द्वारा लगाई गई आठ किलो की लैंडमाइंस बरामद

संतोष वर्मा

चाईबासा के मनोहरपुर अनुमंडल के छोटानागरा थाना क्षेत्र के थलकोबाद के नजदीक घने जंगल में सीआरपीएफ की 197 वाहिनी और जिला पुलिस के संयुक्त अभियान में नक्सलियों द्वारा लगाई गई पांच से दस किलो की आईईडी बरामद की गयी है.

कभी नक्सलियों के गढ़ और मुक्ति क्षेत्र के रूप में चर्चित रहे थलकोबाद और उससे लगते जंगल के क्षेत्र में अभी भी उनकी सक्रियता बनी हुई है. लेकिन सीआरपीएफ द्वारा इलाके में चलाए जा रहे अभियानों के कारण उन पर दबाव बना हुआ है और वे किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पा रहें है. ध्यान रहे कि सारंडा देश के दुर्गम परिचालनिक इलाकों में गिना जाता है. जहां नक्सल विरोधी अभियान के लिए 197 बटालियन को तैनात किया गया है.रविवार को जब बटालियन की टुकड़ी थलकोबाद से बलीबा की तरफ अपने अभियान पर थी तब टुकड़ी के स्वान दस्ते में शामिल डॉग कार्ल ने मार्ग के एक तरफ चलते हुए संदेहास्पद गतिविधि की. जिस पर टुकड़ी कमांडर अविनाश भूषण सहायक कमांडेंट ने आस पास के इलाके की गहन तलाशी का आदेश दिया और तलाशी में जमीन के साथ साथ बिजली का तार दिखाई दिया. जिससे ये शक यकिन में बदला और आस पास आईईडी लगी हुई होने की जानकारी मिली. परिणामस्वरूप झारखण्ड जगुआर के बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया और उसे आई ई डी को निकालकर उसे वहीं बर्बाद किया गया. उक्त बारूदी सुरंग एक स्टील कंटेनर में जमीन के अंदर दबा कर थलकोबाद बलीबा कच्ची सड़क के एक तरफ लगाई गयी थी और उसमें हाई पॉवर एक्सप्लोसिव का प्रयोग किया गया था.

मौके पर मौजूद 197 वाहिनी के कमांडेंट परम शिवम द्वारा बताया गया कि पिछले कुछ समय में सीआरपीएफ के द्वारा अपने सघन अभियानों के तहत उन इलाकों मे भी अपनी सक्रियता बढ़ाई गयी है जो अछूते माने जाते थे. नतीजन फौज की पहुंच को इन इलाकों में डिस्टर्ब करने के मकसद से नक्सलवादियों द्वारा यह कार्यवाही की गयी है ऐसा प्रतित होता है.घटना स्थल से 20 मीटर लंबा बिजली का तार भी बरामद किया गया. जिसका प्रयोग बारूदी सुरंग में विस्फोट करने के लिए होता है. किंन्तु उसके पूर्व ही सूरक्षा बलों की कार्यवाही से उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए. अभियान में बटालियन के सहायक कमांडेंट गुलाब सिंह, निरीक्षक आरपी यादव व बम निरोधक दस्ते के प्रभारी सहायक उप निरीक्षक टिंकू सिंह का योगदान उल्लेखनीय रहा.

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