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चाईबासा : उपायुक्त अरवा राजकमल ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण

संतोष वर्मा

https://youtu.be/6vd7fmoq9NY

चाईबासा जिले के लिए अच्छी खबर एक ओर जहां जिले में जिलावासियों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल का कायाकलप तीन माह में पुरा करने की ओर उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा कवायद शुरू दी है. वहीं पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण व सुदुर वर्ती क्षेत्र में रहने वाली शिक्षित युवक्तियों को बेहतर रोजगार देने का उद्देशय को लेकर जिल में जेऐनएम नर्स का प्रशिक्षण दिलाने का भी अवसर तलाश लिए है. मंगलवार को इन सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल के द्वारा स्वास्थय विभाग व पेन आईटी तथा प्रज्ञा फाउंडेशन के चीफ के साथ सदर अस्पताल के कैंपस में बने भवन तथा वर्तमान समय में चल रहे जेएनएम प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया गया.

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त अरवा राजकमल को सदर अस्पताल में कई भवन वैसे देखने को मिला जो अधुरे पड़े है और कचड़ो की डेर में तबदील हो गये है भवन. इन भवनों को देखकर  राजकमल ने अस्पताल प्रबंधन के पदाधिकारियों से पूछ ताछ भी की गई. बाद में जेएनएम का प्रशिक्षण ले रहें छात्राओं के छात्रावास तथा प्रशिक्षण केंद्र में उपलब्ध संसाधनों का भी जायजा लिया गया. निरीक्षण के बाद राजकमल नें बताया की सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि स्कील डेवलपमेंट के तहत बेहतर प्रशिक्षण दिला कर राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवक व युवक्तियों को रोजगार का अवसर प्रदान करायें इसी योजना के तहत कौशल विकास योजना काफी सार्थक रहा है. इसी कड़ी को और आगे बड़ाते हुए अब गांव व सुदुरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले शिक्षित छात्राओं को उच्च स्तर का प्रशिक्षण देकर जेएनएम नर्स तैयार करें और राज्य के साथ साथ दुसरे राज्य में बेहटर पैकेज पर नौकरी हांसिल कर सके. बताया गया कि जिस तरह रांची के चान्हों में कल्यिण विभाग, झारखंण्ड सरकार के एसपीभी प्रेज्ञा फॉउण्डेशन द्वारा संचालित अंताराष्टीय प्रमाणीत राज्य स्तरीय आईटीआई और एएनएम कॉर्स तैयार कराया जा रहा है. उसी तरह अब चाईबासा में मॉडल जेएनएम प्रशिक्षण केंद्र खोला जा रहा है. राजकमल ने बताया कि इस योजना के तहत चालु सत्र 2018-19 में ही छात्राएं जेएनएम का प्रशिक्षण ले सकें और रोजगार का अवसर प्रदान कर सके. इसलिए पैन आईटी, प्रज्ञा फाउण्डेशन के पदाधिकारियों द्वारा सदर अस्पताल में संसाधनो व सुविधाओं का निरीक्षण किया गया है.

फिलहाल स्वास्थय विभाग द्वारा अस्पताल कैंपस में 60 छात्राओं को जेएनएम का प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है.लेकिन नये संसाधन और नई सुविधा बहाल हो जाने पर 260 छात्राओं की क्षमता वाली नर्स स्कुल तैयार हो जायेगी और 2018-19 सत्र में एक साथ 260 नर्स तैयार हो सकेगें.यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद किसी भी सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों इन छात्राओं का कैंपस सलेक्शन हो जायेगी. अब यहां के छात्राओं को नर्स का प्रशिक्षण लेने के लिए कहीं दुसरे जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी अपने ही जिला में बेहतर प्रशिक्षण लेकर नर्स बन पायेगें

प्रेज्ञा फाउण्डेशन की चीफ मिनाक्षी कुमार ने कहा कि चाईबासा जिला के सदर अस्पताल में इसी सत्र से शुरू होने वाली एएनएम का प्रशिक्षण के लिए छात्राओं का चयन प्रर्किया के लिए जिला स्कुल चाईबासा में 23 सितंबर को आवेदन की स्कूटनी होगी और छात्राओं का परीक्षा भी ली जायेगी. चयन के लिए छात्राओं को शैक्षणिक मुल प्रमाण पत्र के साथ साथ आधार कार्ड का छाया प्रती देना होगा. मीनाक्षी कुमार ने बताया कि पहले सत्र में 120 छात्राओं का प्रशिक्षण के लिए चयन किया जायेगा और दुसरे सत्र में फिर यह संख्या बढ़ कर 240 हो जायेगा. मीनाक्षी कुमार ने कहा कि सारी योजना तैयार कर ली गई है और बेहतर प्रशिक्षण देकर एएनएम तैयार कियें जायेगें.

क्या कहती हैं सीएस मंजु देवी

चाईबासा सदर अस्पताल की सिविल सर्जन मंजू देवी कहती है कि यह खुशी की बात है कि अब इस अस्पताल परिसर में एएनएम का प्रशिक्षण दिया जायेगा. पहले से ही जेएनएम का प्रशिक्षण चल रहा है. यहां जो नर्स का प्रशिक्षण लेकर तैयार होंगी नर्से तो हमारे अस्पताल में सेवा दे पायेगी, साथ ही इस जिले के सुदुर क्षेत्र में रहने वाली छात्राओं का भविषय बेहतर होगा. अब सीधे यहां से प्रशिक्षण लेकर राज्य के सरकारी स्वास्थय संस्था के साथ साथ निजि स्वास्थ संस्थानों नें नौकरी पा सकेगें.

क्या कहते है उपायुक्त

उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा की प्रज्ञा फाउण्डेशन व पैन आईटी के द्वारा एएनएम व जेएनएम का प्रशिक्षण देने की सुविधा बहाल होने पर जिले के साथ साथ सुदुरवर्ती क्षेत्र के छात्रों को नर्स का ट्रेनिंग के लिए बाहर नहीं जाने पड़ेगा. इन सभी सुविधिओं को शुरू करने से पहले भवन में बिजली, पानी तथा आधुनिकिकरण के लिए जो भी राशी खर्च होगें जिला प्रशासन करेगा. सभी कार्य जिला खनिज फण्ड की राशि से बनाया जायेगा. इस कार्य के लिए एक सप्ताह के अंदर ब्यौरा तैयार कर संवेदक से मांगा गया है.

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