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बेगूसराय : पांचवी कक्षा की छात्रा को ढूंढने आये थे मारे गये तीनो अपराधी

नूर आलम 

बेगूसराय जिला के छौड़ाही थाना क्षेत्र स्थित नारायण पिपड़ पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय ककरहा के परिसर में शुक्रवार को ग्रामीणों ने जिन तीन अपराधियों को पीट-पीटकर मार डाला.  उनमे से एक की ग्रामीणों के हमले से घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. वहीं, दूसरा अपराधी रास्ते में मारा गया. जबकि तीसरे की मौत सदर अस्पताल बेगूसराय में हो गई.

घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्तौल, तीन गोली और एक मोटरसाइकिल भी बरामद किया है. मौके पर बेगूसराय मुख्यालय एवं मंझौल एवं डीएसपी, छौड़ाही, खोदावंदपुर, चेरिया बरियारपुर एवं गढ़पुरा पुलिस के साथ कैंप कर रहे हैं. जिला से भी पुलिस बल को मंगाया गया है.

बताया जाता है कि स्थानीय कुंभी निवासी कुख्यात अपराधी नागमणि महतों का भाई मुकेश महतों (पिता- जयप्रकाश महतों), बौनू सिंह (पिता- बीजो सिंह) एवं बौनू का बहनोई रोसड़ा थाना क्षेत्र का निवासी हीरा सिंह गुरुवार को विद्यालय आया और पंचम वर्ग की एक छात्रा को खोजा. प्रधानाध्यापक नीमा कुमारी द्वारा उक्त छात्रा के विद्यालय नहीं आने की बात पर अपराधियों ने प्रधानाध्यापक पर पिस्तौल तानकर गाली गलौज शुरु कर दिया. इसी बीच विद्यालय से भागकर घर पहुंचे कुछ बच्चों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी. इसके बाद मौके पर जुटे 500 से अधिक ग्रामीणों ने तीनों अपराधी को लाठी, डंडे एवं रॉड से पीटना शुरू कर दिया. जिससे मुकेश की मौत मौके पर ही हो गई.

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुकेश दो दिन पहले ही एक आपराधिक मामले में जमानत पर जेल से बाहर निकला था. वहीं, मारे गये बौनू एवं हीरा के अपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि विद्यालय के सामने जल आपूर्ति विभाग का एक टंकी निर्माणाधीन है तथा अपराधी जिस छात्रा को खोजने आए थे. छात्रा का पिता उस निर्माणाधीन टंकी में राजमिस्त्री का काम करता है. निर्माणाधीन टंकी के ठेकेदार और उक्त छात्रा के राजमिस्त्री पिता से रंगदारी मांगे जाने के उद्देश्य अपराधी छात्रा पर दबाव बनाने आए थे.

वैसे कुछ लोगों का कहना है कि मामला प्रेम प्रसंग या एक तरफा प्रेम का भी हो सकता है. जिसके कारण अपराधी विद्यालय से उक्त छात्रा का अपहरण करने आए थे. घटना की सबसे बड़ी बात तो यह है कि विद्यालय परिसर में जहां पर तीनों अपराधी को सजा दी गई है. वहां दुर्गा मंदिर में माता की प्रतिमा बन रही है. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अपराधियों का आताताईपन बर्दाश्त नहीं था. जिसके कारण मां दुर्गा ने उन तीनों को विद्यालय परिसर में बुलवाया और उसकी बलि ले ली.

फिलहाल, घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है. इन अपराधियों के बारे में कोई भी खुलकर बोलने के तक तैयार नहीं है. इधर, कुख्यात अपराधी नागमणि के भाई एवं उसके दो सहयोगियों के मारे जाने बाद प्रतिक्रिया होने की आशंका से तथा दहशत का माहौल बना है.

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