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व्यवसायी हरिशंकर सिंह हत्याकांड : कोर्ट ने भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सिंह को दी राहत, पीड़ित पक्ष हुआ आहत

अभिषेक श्रीवास्तव

फाइल फोटो : फरार चल रहे भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह (रेड विंडो में) .

सीवान में चर्चित खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह हत्याकांड में फरार चल रहे भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को कोर्ट ने फौरी तौर पर राहत दी है. शनिवार को उनके घर की कुर्की-जब्ती के लिए पुलिस द्वारा दायर याचिका को निरस्त करते हुए कोर्ट ने पुलिस को फिर से फ्रेश आवेदन देने की बात कही. कारण कि पुलिस ने पूर्व में कुर्की-जब्ती के लिए कोर्ट से निर्गत जो इश्तेहार भाजपा जिलाध्यक्ष के घर पर चस्पा किया था वह घर उनकी पत्नी का है.

बता दे कि पचरुखी के खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह हत्या कांड में अनुसन्धान के दौरान पचरुखी पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सिंह का नाम शामिल कर कोर्ट से उनकी गिरफ़्तारी के लिए वारंट निर्गत कराया था. जिसके बाद गिरफ़्तारी के डर से मनोज सिंह भूमिगत हो गये. तब, पुलिस ने कोर्ट में कुर्की-जब्ती के लिए आवेदन प्रेयर किया जिस पर कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कुर्की-जब्ती की सूचना के लिए नोटिस देने का आदेश निर्गत किया. जिसके बाद 17 जून को पचरुखी पुलिस ने मनोज सिंह के निवास स्थान सह वर्त्तमान भाजपा जिला कार्यालय नगर थाना क्षेत्र के निराला नगर स्थित मकान पर जाकर नोटिस चिपका दिया. लेकिन, मनोज सिंह की पत्नी शोभा सिंह ने न्यायालय में इस बात की अर्जी देकर कुर्की-जब्ती के इश्तेहार चस्पी पर आपत्ति जताई कि वह मकान मनोज सिंह नहीं अपितु उनके नाम से है. प्रमाण के तौर पर शोभा सिंह ने मकान की रसीद और इनकम टैक्स रिटर्न की रसीद भी कोर्ट में प्रस्तुत किया.
जिसके बाद शनिवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी छ: डीएन भारद्वाज की अदालत ने पुलिस के कुर्की-जब्ती के प्रेयर को निरस्त करते हुए सही मकान के लिए आवेदन देने को कहा. साथ ही कोर्ट ने इस नियम का भी हवाला दिया कि किसी भी भगोड़े अभियुक्त के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के अधीन कुर्की-जब्ती के इश्तेहार के आदेश निर्गत किये जाने के 30 दिनों बाद ही सीआरपीसी की धारा 83 यानि कुर्की-जब्ती का आदेश निर्गत किये जाने का प्रावधान है.

मृत्तक खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह के पिता श्रमानंद सिंह.
कोर्ट ने यह भी कहा कि जिला जज की अदालत से मनोज सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद 25 दिनों के अंदर मनोज सिंह को सरेंडर किये जाने की मोहलत दी गयी है. लिहाजा, जिला जज के कोर्ट के इस आदेश की भी अनदेखी नही की जा सकती.
उधर,कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष मृत्तक खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह के परिजन काफी आहत हैं. मृत्तक के पिता श्रमानंद सिंह ने कहा कि सीवान जिले में ही कई भगोड़े आरोपियों के खिलाफ पुलिस के प्रेयर पर कोर्ट द्वारा एक ही साथ 82 और 83 का आदेश निर्गत किये जाने की भी घटना घट चुकी है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें न्यायलय और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा विश्वास है और उन्हें यकीं है कि उन्हें और उनके परिवार को कोर्ट से इंसाफ मिलेगा.
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