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सीवान : देश की आजादी के लिये जान की कुर्बानी दी थी फुलेना बाबू ने

श्याम सुंदर

सीवान के महाराजगंज निवासी भारत माता के सपूत आजादी के दीवाने फुलेना बाबू का जन्म 31 दिसम्बर को सीवान के रुइया बंगरा में हुआ था. उनकी शादी दरौंदा ब्लॉक के बाल बंगरा में तारा देवी के साथ हुई थी. शादी के बाद पत्नी की प्रेरणा से देश की आजादी की आन्दोलन में सक्रिय हो गए. तब से स्थानीय स्तर पर संगठन बना लोगो में देश भक्ति की जोश भरते रहे. इस काम मे उनका साथ पूरी लगन के साथ तारा देवी देती रही. कम समय मे ही फुलेना बाबू लोगो के लिए प्रेणना स्रोत बन गए और आजादी के दीवानों की लंबी कारवाँ बन गए.

गांधी जी के आंदोलन अंग्रेजो भारत छोड़ो में सक्रिय भूमिका निभा महाराजगंज थाने पर झंडा फ़हाराने के लिये अपने ससुराल से अपनी कारवाँ के साथ चल दिये. उनके पीछे उनकी पत्नी तारा देवी चल पड़ी. अभी महाराजगंज के थाने के सामने आए ही थे कि इसकी भनक अंग्रेजी सिपाही को लग गई और लाठी चार्ज कर दिया. जिससे वे जख्मी हो गए. खून से लतफत देश के लिये मर मिटने की कसम खाने वाले फुलेना बाबू के कदम नही रुके. आगे की तरफ बढ़ते चल रहे थे. तब उनकी साहस और देश भक्त उनके साथी को देख डरे अंग्रेजी सिपाही को गोली चलानी पड़ी.

नौ गोली लगने पर गिरे फूलने बाबू को देख उनकी पत्नी शेरनी की तरह झपट झंडा को अपने हाथ मे लेकर. तेजी से आगे के तरफ बढ़ कर थाने के ऊपर झंडा लगा दीं. बाद में उन्हें भी हाथ मे गोली लग चुकी थी. जब लौटी तो फुलेना बाबू गोली लगने से तड़प रहे थे. उनकी सर को अपनी गोद मे जैसे ही रखी कि उनके प्राण पखेरू उड़ गये. वहीं आजादी के दीवाने फुलेना बाबू आज लोगो मे उपेक्षा के शिकार बन कर गए है. उनकी यादे आज रख रखाव उचित नही रहने के कारण विलुप्त के कगार पर है.

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