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कभी भी हो सकता है सीवान भाजपा जिलाध्यक्ष का आलिशान बंगला कुर्क, खाद व्यवसायी हत्या कांड में मनोज सिंह की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर

सीवान के चर्चित खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह हत्याकांड में अप्राथमिकीय रूप से अभियुक्त बने भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की मुश्किलें बढती ही जा रही है. मामले में मनोज सिंह की ओर से सीवान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल जमानत की अर्जी को शनिवार के दिन कोर्ट ने नामंजूर करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश को बरकार रखा.

हरेन्द्र सिंह, लोक अभियोजक, सीवान.

बता दे कि मामले में मनोज सिंह का नाम शामिल किये जाने और कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद से मनोज सिंह भूमिगत हो गयें हैं. जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ से कोर्ट से कुर्की-जब्ती का आदेश लेते हुए उसका इश्तेहार उनके मकान पर चस्पा कर दिया था. इसीलिए डिस्ट्रिक्ट जज के कोर्ट में उनकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गयी थी. जिसमे कोर्ट ने डायरी की मांग करते हुए तिथि दी थी. पहली तिथि पर डायरी नहीं उपलब्ध होने पर कोर्ट ने मनोज सिंह की गिरफ्तारी और कुर्की-जब्ती पर तीन दिनों के स्थगन का आदेश भी दिया था. लेकिन, अब जिला जज द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद न सिर्फ मनोज सिंह के गिरफ़्तारी हो सकती है बल्कि उनके पुलिस के पकड़ में नहीं आने पर पुलिस कभी भी उनके आलिशान बंगले को कुर्क कर सकती है. अपनी हवेलो को बचने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष के पास दो ही रास्ते हैं या तो वे यथा शीघ्र उच्च न्यायलय से अपना बेल अथवा अपनी गिरफतारी और कुर्की-जब्ती पर स्थगन का आदेश ले आयें या फिर सदेह कोर्ट में आत्म-सर्पण कर दें.

हालाकि जानकार सूत्रों के अनुसार, सीवान कोर्ट से अग्रिम जमानत नामंजूर होने के बाद शनिवार को ही पटना हाई कोर्ट में उनके अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल किये जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी.

मामले को देख रहे लोक अभियोजक (सरकारी वकील) हरेन्द्र सिंह ने कहा कि सीवान डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत से बेल खारिज हो गया है. कुर्की-जब्ती का मामला निचली अदालत में है. निचली अदालत ने 82-83 का आदेश निर्गत कर दिया है. लिहाजा, कुर्की-जब्ती की कार्रवाई हो सकती है.

गौरतलब है कि सीवान के पचरुखी निवासी खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह की बीते 15 नवम्बर 2015 को अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गयी थी. मामले में पुलिस ने उनके चचेरे भाई पप्पू सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया था. लेकिन हरिशंकर सिंह की विधवा ने कोर्ट में अपने पति की हत्या में भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह उर्फ़ मनोज सिंह का हाथ होने की बात कही. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मामले में अभियुक्त बना दिया.

 

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