पटना : प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्वीकृति और राशि विमुक्ति के विशेष कार्यक्रम का सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, 15 लाभार्थियों को प्रथम क़िस्त का पासबुक व पांच को दी पूर्ण आवास की चाभी
अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)
पटना में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवासों की स्वीकृति व राशि विमुक्ति के विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के पन्द्रह लाभार्थियों को प्रथम किस्त अंतरित राशि के साथ बैंक पासबुक तथा आवास योजना से संबंधित एक-एक पुस्तिका प्रदान की. वहीं 5 लाभार्थियों को पूर्ण किए गये आवासों के प्रतीक स्वरूप चाभी मुख्यमंत्री ने भेंट की.
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चैधरी ने मुख्यमंत्री को सिक्की आर्ट पर आधारित कलाकृति भेंटकर उनका अभिनंदन किया. इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पर आधारित वृत्तचित्र के अतिरिक्त बिहार की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अनुमोदित किए गये आवास की 7 डिजाईन पर आधारित वृत्तचित्र की प्रस्तुति भी मुख्यमंत्री के समक्ष की गयी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों की मुश्तैदी के कारण ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की ग्रामीण अंचल तक सक्रिय एवं सशक्त रूप से शुरुआत हुई और काम में गति आई. उन्होंने कहा कि 1985-86 में क्लस्टर के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना के तहत जो मकान सामूहिक रूप से बने हैं, अब उनकी स्थित जीर्ण-शीर्ण हो गयी है, केंद्र सरकार को इस पर भी गौर करते हुए ऐसे परिवारों को नई योजना से जोड़ने पर ध्यान देना चाहिए. सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना के आधार पर इस योजना के लाभुकों की सूची बनाई गयी है लेकिन इसके अलावा भी जो गरीब परिवार छूट गये हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने आज इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने संबोधन में यह बताया कि केंद्र सरकार ऐसे परिवारों को योजना से जोड़ने पर विचार कर रही है. ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए जो भी जरूरतमंद गरीब परिवार हैं, उनकी सूची बनाकर केंद्र सरकार को 30 सितंबर के पहले सौंपा जाय. साथ ही साथ आवास निर्माण कार्य भी शुरू किया जाए. यदि केंद्र सरकार इसे मंजूर नहीं भी करती है तो 60ः40 का जो अनुपात है, उसमें 60 प्रतिशत धनराशि भी राज्य सरकार अपने खजाने से वहन करेगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत जो 20 लाख अधूरे मकान थे, उसमें से 10 लाख मकान के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि शेष मकानों के निर्माण का काम भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत बिहार के लिए जो भी 11 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उससे कही अधिक आवास बनाने की यहाँ आवश्यकता है. अब तक 8 लाख 70 हजार लाभार्थियों का निबंधन हो चुका है, इसमें से 7 लाख 55 हजार आवासों की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी है।.26 जुलाई 2018 तक 6 लाख 61 हजार लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि जबकि 3 लाख 10 हजार लाभुकों को द्वितीय किस्त की राशि भी सीधे उनके बैंक खाते में विमुक्त कर दिया गया है, इसमें 50 हजार लाभुकों के आवास निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और काम त्वरित एवं पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वीकृति के 4 माह के अंदर आवास निर्माण का काम पूर्ण करने एवं गड़बड़ी को रोकने के मकसद से इस काम में लगे पंचायत स्तर पर ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक, प्रखंड स्तर पर लेखा सहायक और कार्यपालक सहायक के साथ ही योजना के लाभुकों को प्रोत्साहन राशि मुहैया कराने की भी योजना बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि इस काम में लगे ग्रामीण आवास सहायक को औसतन 50-100 मकान बनवाने हैं, यदि वह आवास निर्माण का काम निर्धारित समय सीमा 4 माह के अंदर पूर्ण करवाता है तो उसे प्रोत्साहन स्वरूप प्रति मकान 600 रूपये प्रदान किए जायेंगे. इस तरह 30 से 60 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि ग्रामीण आवासीय सहायक को दी जाएगी. इसी प्रकार ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक को औसतन 500-1000 आवासों का निर्माण कराने का दायित्व सौंपा गया है, जिन्हें प्रति मकान 70 रूपये यानि कुल 35 से 70 हजार रुपये प्रोत्साहन के तौर पर दिये जायेंगे। प्रखंड स्तर पर लेखा सहायक को औसतन 1500-2000 आवासों के निर्माण कराने हैं, जिन्हें प्रति मकान 30 रूपये अर्थात कुल 45 से 60 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में राज्य सरकार मुहैया करायेगी. कार्यपालक सहायक को भी प्रखंड स्तर पर औसतन 1500-2000 आवासों का निर्माण कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, जिन्हें प्रति मकान 30 रूपये यानि कुल 45 से 60 हजार रुपये प्रोत्साहन के तौर पर प्रदान किये जायेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को भी स्वीकृति के 4 माह के अंदर, अगर आवास निर्माण का कार्य पूरा हो गया तो उन्हें भी राज्य सरकार प्रोत्साहन स्वरूप 1 हजार रूपये की राशि मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि यदि काम निर्धारित समय के अंदर पूरा नहीं हुआ और 4 से 6 माह काम पूरा होने में लग गया तो प्रोत्साहन की राशि घटकर आधी हो जाएगी. यदि 6 माह
से भी अधिक का समय आवास निर्माण में लग गया तो प्रत्येक 15 दिन पर प्रोत्साहन राशि में 5 प्रतिशत की दर से कटौती भी की जाएगी इसलिए लाभुकों को विशेष तौर पर अपना आवास बनवाने के लिए मुस्तैद रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ग्रामीण इलाकों में भी पक्की सड़क, बिजली, गैस, नल का जल जैसी तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. यदि गाँव में ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी तो वे फिर शहरों की तरफ रुख नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में जिन गावों का नाम छूट गया है, वैसे गाँव को मुख्यमंत्री ग्रामीण सम्पर्क योजना से जोड़ दिया गया है एवं सड़कों की मेंटेनेंस पालिसी भी बनायी गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के कारण पूरे बिहार में शान्ति का माहौल कायम हुआ है. गरीब-गुरबों के लिए इससे बड़ा उत्थान और क्या हो सकता है. उन्होंने कहा कि कन्या उत्थान योजना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय या अन्य तबकों के कल्याणार्थ जो योजनायें बनायी गयी हैं, उन पर जो व्यय होगा उसे पूरक बजट में शामिल कर व्यय की व्यवस्था कर दी गयी है. अगले महीने की 8 तारीख तक जो भी घोषित योजनायें हैं, उन सब पर काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर लगे चापाकलों की मरम्मत एवं कुओं के जीर्णोद्धार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी है.
महिलाओं से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी गड़बड़ करता है, उसका मुस्तैदी से मुकाबला करिये. ऐसे लोगों का अपने मोबाइल से फोटों खींचकर उसे सार्वजनिक करिए ताकि उस पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. महिलायें अगर जागृत हो जाएं तो कोई भी व्यक्ति गड़बड़ी करने की हिमाकत नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अब तक 8 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिससे करीब 94 लाख महिलायें जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन करने का हमारा लक्ष्य है.
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, पथ निर्माण एवं पटना जिला के प्रभारी मंत्री नंदकिशोर यादव, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविन्द कुमार चैधरी ने भी संबोधित किया. वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष वर्मा, पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरगन डी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी पटना कुमार रवि, सहित ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभुकों के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेें.
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