पटना : सुपर-30 के छात्रों ने हीं खोला संचालक आनन्द कुमार के खिलाफ मोर्चा, लगाए कई गम्भीर आरोप
अभिषेक श्रीवास्तव
सुपर-30 और रामानुजम मैथेमेटिक्स क्लासेज के संचालक और कथित गणितज्ञ आनंद कुमार के खिलाफ अब ‘सुपर-30’ के छात्रों ने ही मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है.
बता दें कि वर्ष 2018 में आनंद कुमार ने सुपर-30 के 26 बच्चों के जेईई एडवांस में क्वालीफाई होने का दावा किया है. जबकि छात्रों का आरोप है कि महज तीन ही जेईई-एडवांस में क्वालीफाई कर पाए हैं. आनंद कुमार की ओर से ओनीरजीत गोस्वामी, सूरज कुमार, यश कुमार और सूर्यकांत के नाम सार्वजनिक किए गए थे. इसमें सूरज कुमार कोटा स्थित एक कोचिंग संस्थान का छात्र है.
विभिन्न कार्यक्रमों में सुपर-30 के विद्यार्थी के रूप में आनंद के साथ मौजूद गगन का कहना है कि इसमें ओनीरजीत ही सुपर-30 का छात्र है, अन्य तीन बच्चे जेईई मेन के बाद दूसरे कोचिंग संस्थान से आए थे. इन्हें स्कॉलरशिप के तौर पर मोटी रकम देने का आश्वासन दिया था.
छात्र गगन के अनुसार सबसे अधिक ओनीरजीत को एडवांस में 128 अंक मिले थे जबकि कटऑफ 126 था. खराब रैंक के कारण ओनीरजीत का आइआइटी में नामांकन नहीं हो सका है. इसके अतिरिक्त अनुपम और गगन एससी कैटेगरी में पास हुए थे. इन दोनों का नाम आनंद कुमार ने सार्वजनिक नहीं किया है. गगन ने बताया कि पिछले साल सुपर-30 में 23 छात्र शामिल थे. इनमें से एक का चयन एनडीए में हो गया. बाकी 22 बच्चे सुपर-30 से जुड़े रहे. जेईई मेन के बाद 15-20 बच्चे कोटा या अन्य शहरों के दूसरे कोचिंग संस्थान से लाए गए. आदित्य और शेखर 2017 और 2018 दोनों के सेलिब्रेशन में मौजूद थे लेकिन दोनों का ही नामांकन आइआइटी में नहीं हो सका है. रामकुमार, अर्पित, रजत, प्रिंस राजू, दीपक, सूरज खरबार, अभिषेक आदि सुपर-30 के मूल छात्र थे जो जेईई एडवांस क्वालीफाई नहीं कर सके.
सुपर-30 के छात्रों के अनुसार आनंद कुमार क्लास में कहा करते थे कि सुपर-30 से जुड़े रहने पर फिल्म में भी काम करने का मौका मिलेगा. छात्र अनुपम के अनुसार, पांच बच्चे केमिस्ट्री में फेल कर गए थे. इसका प्रमुख कारण था कि इस विषय के शिक्षक ही नहीं थे. अगस्त में कई लड़कों ने कोचिंग छोडऩे का फैसला लिया तो स्कॉलरशिप और जल्द शिक्षक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया. वहीं गगन के अनुसार एडवांस के रिजल्ट के दिन सभी बच्चों को जमा कर कहा गया कि इस बार का रिजल्ट खराब हो गया है. इससे उनकी और छात्रों की इज्जत दाव पर है. डमी रैंक कार्ड से सभी की इज्जत बच जाएगी. इसका अधिकत्तर छात्रों ने विरोध कर दिया. इस कारण चाहकर भी क्वालीफाई अभ्यर्थियों की फर्जी सूची जारी नहीं की गई.
छात्र रामकुमार ने बताया कि गरीब बच्चों के नाम पर नामचीन स्कूलों के विद्यार्थी सुपर-30 में पढ़ाई करते थे. उसके साथ शेखर सत्याकार, आदित्य आनंद, सूरज खरवार रेसोनेंस कोटा के छात्र थे. प्रीत रंजन डीपीएस बोकारो तथा ओनीरजीत आकाश इंस्टीट्यूट का छात्र रह चुका है.
वहीं सुपर-30 के संचालक आनंद का कहना है कि यह सब सुपर-30 को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे जो पहले रामानुजम क्लासेज में पढ़ते थे वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. एडवांस में क्वालीफाई सभी 26 बच्चों के नाम जरूरत के अनुसार सार्वजनिक कर दिए जायेगें.
Comments are closed.