सीवान : बड़हरिया-जामो सड़क की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन
राकेश रंजन गिरी
सीवान के बड़हरिया प्रखण्ड स्थित जामो सड़क की जर्जरता और बदहाली को लेकर गुरुवार के दिन कांग्रेस नेता रिजवान अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थकों द्वारा अर्धनग्न जन आक्रोश रैली निकाली गई. हाथ में तख्ती और सरकार के विरोधी नारे के साथ जमकर प्रदर्शन किया गया.
बता दें कि इस रैली में कांग्रेस कार्यकर्ता और मो रिजवान के समर्थक सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए. जन आक्रोश रैली सत्यनारायण मोड़ से लेकर सुरहिया नूरा छपरा बड़हरिया होते प्रखंड कार्यालय स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा तक पहुंची. जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मो रिजवान ने माल्यार्पण किया और उसके बाद स्थानीय बीडीओ अशोक कुमार को जामो सड़क के निर्माण की मांग का ज्ञापन सौंपा. इस बीच प्रदर्शन के दुरण कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुर्दाबाद और रिजवान अहमद जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
वहीं मीडिया से बात करते हुए रिजवान अहमद ने कहा कि जामो रोड पर ही बड़हरिया हाई स्कूल है. यहां पर बच्चे-बच्चियां पढ़ने के लिए आते हैं. साइकिल से आने-जाने में बहुत दिक्कत की सामना करना पड़ता है. लड़कियों को साइकिल से गिरते देखा है. तब मैंने फैसला किया इस सड़क के लिए आवाज उठाना जरूरी है. हम अभी रोड के लिए सड़क पर हैं आगे भी बड़हरिया का आवाज उठाते रहेंगे. मौके पर समाजिक कार्यकर्ता शमसिर आलम, युवा नेता सानू खान, जीसान अहमद, गोपाल कुमार, यूनुस अली उर्फ यूसी, विकास कुमार, मो आलम, लाल बाबू व अरमान अहमद इत्यादी शामिल रहें.
हालांकि बड़हरिया बीडीओ अशोक कुमार ने इस रैली को अवैध करार दिया. बीडीओ के अनुसार रिजवान अहमद को रैली नहीं करने का जिला प्रशासन द्वारा लेटर और मौखिक दोनो प्रकार से सूचना दी गयी थी. बीडीओ ने कार्यालय कक्ष में भी रैली नहीं करने के प्रशासन के पत्र पर रिजवान अहमद का हस्ताक्षर 11:23 पर लिया. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बिना अनुमति रैली निकाल सूबे के मुखिया के खिलाफ नारेबाजी और सड़क पर भीड़ बटोर प्रदर्शन किए जाने के विरुद्ध स्थानीय प्रशासन द्वारा रिजवान अहमद के ऊपर केस दर्ज किया जा सकता है. वहीं रिजवान अहमद ने कहा कि वे केस मुकदमा से नहीं डरते हैं. जनता के हित के लिए उनपर पहले भी कई केस किये जाने की साजिश रची जा चुकी है. उन्होंने एक स्थानीय पत्रकार का नाम लेते हुए कहा कि सरकारी शिक्षक होने के बावजूद वह विद्यालय जाने के बजाए पत्रकारिता करता है और मेरे हर पूर्व घोषित कार्यक्रम की देख देखी कर एक छुटभैय्या नेता से उसी तरह का कार्यक्रम एक दो दिन पूर्व ही करवा देता है. उन्होंने उसके खिलाफ अब एक्शन लेने की बाते कहीं.
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