पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में की शिरकत
अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)
पटना में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सैन्य पुलिस-5, मिथिलेश स्टेडियम में बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे प्रसन्नता हो रही है कि बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी का प्रथम स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है. देश में यह पहला ऐसा पुलिस बल है जिसमें अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को ही शामिल किया गया है. बिहार में अनुसूचित जनजाति की आबादी कम है. बिहार-झारखंड बंटवारे के बाद अब अनुसूचित जनजातियों की ज्यादा आबादी झारखंड में है. राज्य की अन्य जातियों द्वारा अनुसूचित जनजाति में उन्हें शामिल करने की मांग की गई है, जिसकी अनुशंसा केंद्र को भेज दी गई है. बिहार में पुलिस विभाग के अंतर्गत किए गए कामों का उल्लेख डीजीपी एवं प्रधान सचिव गृह ने आपलोगों को विस्तार से बताया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद अब तक पुलिस के क्षेत्र में अनेक काम किए गए हैं. पुलिस की पोशाक के लिए उन्हें राशि मुहैया करायी गई है. नए वाहन, नए शस्त्र एवं ऑफिस की सामान्य जरुरतों को पूरा करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराया गया है. नए पुलिस भवनों का निर्माण बेहतर तरीके से किया गया है. गांधी मैदान में निर्मित थाने में लिफ्ट लगा है, जो देश में पहला है. महिलाओं की मौलिक सुविधाओं का इंतजाम भी थाने में किया गया है. पुलिस बल की संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है और राज्य में एक लाख की आबादी के लिए जितना पुलिस चाहिए उसकी नियमित बहाली की जा रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुलिस बल में 35 प्रतिशत का आरक्षण वर्ष 2013 से लागू किया गया है. पूर्व से ही पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत का आरक्षण है यानि 97 प्रतिशत में से अलग से महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है जनवरी 2016 से सात निश्चय के अंतर्गत राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. राज्य में कई तरह के नए-नए बटालियन बनाए गए हैं. वर्ष 2006 में महिला सशस्त्र बल का गठन, आईआर का दो बटालियन, बिहार पुलिस अकादमी एवं भागलपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई. यह पटना में पहले से है. आर्थिक एवं साइबर अपराध इकाई वर्ष 2010 में, आर्थिक अपराध इकाई का गठन वर्ष 2011 में एवं राज्य आपदा मोचन बल का गठन वर्ष 2015 में एवं बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी का गठन 2014 में किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम रेल मंत्री थे तो चंपारण में वहां के सांसद ने मुझे एक कार्यक्रम में बुलाया था और थारु जाति के बारे में मुझे अवगत होने का वहाॅ मौका मिला. थारु जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव मेरे पास आया और मैंने प्रयास कर थारु जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराया. अनुसूचित जनजातियों की प्रतिष्ठा में वृद्धि के लिए हमलोग काम कर रहे हैं, इसके लिए महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उसी के तहत आदिवासी महिलाओं के लिए बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी का गठन किया गया है. इसमें 222 लड़कियों ने लिखित एवं शारीरिक परीक्षा पास कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. अभी उन्हें परेड करते देखना काफी प्रसन्नतादायक है.
परेड के दौरान विभिन्न ग्रुपों का नेतृत्व करने वाली लड़कियों के बारे में यह जानकर काफी खुशी हुई कि
वे स्नातक एवं स्नातकोत्तर तक की शिक्षा पूरी कर चुकी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को कायम करने में पुलिस की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है. मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए हमलोगों ने जरुरी संसाधन उपलब्ध कराए हैं. राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्पीडी ट्रायल पर जोर दिया गया है. सरकारी गवाहों को भी अगर वे एक तारीख को छोड़कर अनुपस्थित रहते हैं तो उन पर कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है, जिससे ट्रायल में तेजी आयी है. अन्य गवाह भी इस कारण समय पर उपस्थित हो रहे हैं और दोषियों को जल्द सजा मिल रही है. इन सब चीजों से राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित करने में सहुलियत हो रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करना है, इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए. शराबबंदी कानून में कुछ ऐसे प्रावधान थे, जिनका दुरुपयोग हो रहा था. इन सब चीजों पर विचार मंथन करके कुछ संषोधन का निर्णय लिया गया है, जो विधानमण्डल के माॅनसून सत्र में लाया जायेगा। शराबबंदी जैसे समाज सुधार के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए. एडीजी या आईजी प्रोहिबिशन का पद सृजित किया गया है. गांव-गांव में बिजली के ट्रांसफार्मर पर एक नंबर लिखा हुआ है, जिस पर गड़बड़ी के संबंध में कोई भी सूचना दे सकता है. सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और कार्रवाई की सूचना भी उन्हें दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कानून के द्वारा कार्रवाई की जा रही है लेकिन जनजागृति अभियान चलाकर इसे और सफल बनाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल ने अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ-साथ जरुरत पड़ने पर सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन किया है. जैसे वर्ष 2006-07 में शिक्षकों की कमी होने पर पुलिस द्वारा बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का काम किया गया. इस तरह के कार्यों से आम लोगों में पुलिस के प्रति आदर का भाव पैदा हुआ है. पुलिस का एक सामाजिक चेहरा भी सामने आया है. सामाजिक उत्थान एवं सामाजिक काम में पुलिस अपनी भूमिका निभाते रहे. मैं डीजीपी से, बीएमपी के पुलिस महानिदेशक से यह कहना चाहूंगा कि आपलोग प्रेरणादायी काम करने वाले लोगों को भी ड्यूटी में लगाईये, जिससे शराबबंदी जैसे सामाजिक मुद्दों के समाधान में काफी सहुलियत होगी. इस तरह के काम करने वाले पुलिस विभाग के लोगों को गृह विभाग अलग से पुरस्कृत करने की व्यवस्था करे. आज बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी का प्रथम स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है, यह काफी प्रेरणादायी है. आज जिन्हें पुरस्कृत किया गया है, उनसे अन्य पुलिसकर्मियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. मैं उन 222 महिला पुलिसकर्मियों को जो बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के अंतर्गत नियुक्त हुई हैं, उन्हें शुभकामना देता हूं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूॅ.
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली. मुख्यमंत्री का स्वागत पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया. मुख्यमंत्री ने बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी के प्रतीक चिन्ह का भी अनावरण किया. बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहिनी पर आधारित स्मारिका का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया.
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस अवसर पर महानिदेशक होमगार्ड एवं अग्निशमन रविंद्र कुमार, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड सुनील कुमार, सेवानिवृत पूर्व डीजी एवं सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पीके राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित पुलिस विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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