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पटना : सीएम नीतीश कुमार ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा भी रहें मौजूद

अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)

पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में आयुष्मान भारत, मेडिकल एजुकेशन के तहत दरभंगा मेडिकल कॉलेज, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भागलपुर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज गया में बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की व्यवस्था समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी. इसके अलावा कालाजार उन्मूलन, नेशनल हेल्थ पालिसी, ग्राम स्वराज अभियान, ट्यूबरक्लोसिस, एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाने सहित पटना एम्स एवं हेल्थ सेक्टर से जुड़े अन्य मुद्दों पर गहन चर्चा की गयी। फेज-1 के तहत पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण और फेज-2 के तहत सीतामढ़ी, झंझारपुर, सीवान, बक्सर और जमुई में बनने वाले नये मेडिकल कॉलेज की मूलभूत संरचना, जमीन सहित अन्य जरूरतों एवं समस्याओं के समाधान पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई.

समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर में चल रही योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया गया. राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति एवं चल रही योजनाओं के संदर्भ में प्रेजेंटेशन दिया गया. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, मातृ मृत्यु दर, फर्टिलिटी रेट एवं भ्रूण हत्या को ध्यान में रखकर बिहार में शुरू की गयी मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की चर्चा की. उन्होंने कहा कि जो भी हेल्थ सेक्टर में काम हो रहे हैं, उसकी नियमित मॉनिटरिंग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर में बिहार में मेडिकल के साथ-साथ एजुकेशनल पार्ट पर भी काफी ध्यान दिया गया. अस्पतालों में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड समेत कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मुद्दों पर भी मुख्यमंत्री ने चर्चा की और उन्होंने कहा कि जब तक नई संविदा के तहत कर्मियों की सुनिष्चितता नहीं हो जाती, तब तक पुराने काॅन्टैªक्ट कर्मियों की सेवा को एक्सटेंड कर आॅटोमेटिक व्यवस्था सुनिश्चित कीजिये ताकि काम में रुकावट नहीं आने पाए. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं अधिकारियों को इस समीक्षा बैठक के लिए धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समीक्षा बैठक में समस्याओं एवं उनके निदान पर गंभीरता से चर्चा हुई है, इससे हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि नवंबर 2005 में हमलोगों ने काम संभालते ही हेल्थ, एजुकेशन के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में काम शुरू किया था  पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था नहीं थी और मरीजों की जगह कुत्ते बेड पर बैठे रहते थे  उन्होंने कहा कि पहले जिन प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक महीने में 39 मरीज पहुँचते थे, आज वहाँ व्यवस्था एवं सुविधा मुहैया होने के बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 11,000 हो गयी है. हर स्तर पर अस्पतालों में 24 ग 7 पारा मेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों की तैनाती एवं मुफ्त दवा वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कालाजार उन्मूलन के लिए अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों एवं उनके साथ रहने वाले एक अटेंडेंट को आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स पर मरीजों का लोड घटे, इसके लिए आवश्यक है कि पटना एम्स को वाइडेन करने के साथ ही डिपार्टमेंट को भी बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस को इम्प्रूव करने के बाद बिहार से बाहर जाने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. उन्होंने कहा कि बिहार के जो कालाजार अफेक्टेड एरिया हैं, उन 10 प्रखंडों के कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से जोड़कर पक्का हाउस बनाने की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. कालाजार प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग यदि आर्थिक सामाजिक जनगणना में क्वालीफाई नहीं भी करें तो उनका पक्का घर बनाने की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय को काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्यूबरक्लोसिस के लिए प्लस पोलियो की तर्ज पर अभियान के साथ-साथ उसकी माॅनिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी ताकि दवा का जो 9 महीने का डोज है, वह टीवी से ग्रस्त मरीज ले सकें.

समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए कामों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हेल्थ की दृष्टि से बिहार में बहुत अच्छी प्रगति हुई है. स्वास्थ्य इंडिकेटर में काम, मिशन मोड पर हुआ है और भारत सरकार हरसंभव सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में मातृ मृत्यु दर 312 से 165 पर पहुँच गया है. शिशु मृत्यु दर 42 से 38 हो गया है. टीनेज प्रिगनेंसी 25 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत पर पहुँच गयी है. टीनेज मैरेज 69 प्रतिशत से 42 प्रतिशत पर पहुँच गया है. इस तरह से सूचकांक देखने से पता चलता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में काफी काम हुआ है. केन्द्रीय मंत्री श्री जे0पी0 नड्डा ने कहा कि रूटीन इम्युनाइजेशन 18 प्रतिशत से 85 प्रतिशत पर पहुँच गया है. मिशन इन्द्रधनुष और मेडिकल एजुकेशन में भी अच्छी प्रगति हुई है। काम तीव्र गति से चल रहा है. आयुष्मान भारत के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग भारत सरकार करने के लिए तैयार है. लिम्फेटीक फ्लेरेसिस की दृष्टि से भी अच्छा काम हुआ है, दो जिलों में सुपरविजन भी शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि आयुषमान भारत से बिहार में जो भी स्कीमें चल रही हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि आज समीक्षा बैठक में काफी सार्थक चर्चा हुई है.

समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चैबे, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की सचिव श्रीमती प्रीती सूडान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार श्री मनोहर अगनानी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, विषेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार, राज्य स्वास्थ्य समिति एवं बीएमएसआईसीएल के पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

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