बिहार-यूपी सीमावर्ती क्षेत्रों में शुरू हुए सौदेबाजी के नये तरीके, चिकेन-मटन से किया जा रहा कैटरिना-लैला का सौदा
अभिषेक श्रीवास्तव
तुम मुझे चिकेन-मटन दो मैं तुम्हें शराब दूंगा. इस लाईन को पढ़ कर कुछ देर के लिए आप हैरत में जरूर पड़ गये होगें. लेकिन, बात सोलह आने सच है. बिहार-यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब इसी तरह से सौदेबाजी हो रही है.
बिहार में तो एक साल पहले से ही शराबबंदी है. इधर, हाल ही में यूपी में योगी सरकार द्वारा अवैध बूचड़खानों को बंद करा दिये जाने के बाद सौदेबाजी ने नया रूप ले लिया है. बिहार में जहाँ शराब के आशिक शराब के लिए परेशान हैं, तो यूपी के लोग चिकेन-मटन के लिए. ऐसे में शराब और चिकेन-मटन का आदान-प्रदान व्यापक स्तर पर किया जा रहा है. सीमा से सटे जितने भी बाजार हैं, उन सभी बाजारों में यह धंधा जोरों पर है.
सूत्रों की मानें तो यूपी से लोग देशी शराब लैला और कैटरीना की बोतलें सहित विदेशी शराब लेकर बिहार के बाजारों में आ जा रहे हैं और यहां शराब की बोतल देकर बदले में चिकेन-मटन की खरीददारी कर वापस जा रहे हैं. इससे सीमा से सटे बिहार के बाजारों के चिकेन-मटन कारोबारियों को दोहरा मुनाफा हो रहा है. लोग वहां से चिकेन-मटन की खरीददारी भी कर रहे हैं और साथ में शराब भी मिल जा रही है. चिकेन-मटन कारोबारी इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं. शराब के आशिकों को तो हर हाल में शराब चाहिए. जिसका लाभ उठाते हुए चिकेन-मटन कारोबारी मनमाना दाम लेकर चिकेन/मटन के साथ-साथ शराब की भी सप्लाइ कर दे रहे हैं. कुछ दिनों से सीमावर्ती क्षेत्रों के शराब तस्कर भी इस धंधे में शामिल हो चुके हैं. यूपी से शराब मंगाकर बदले में उधर चिकेन या मटन की सप्लाइ भी कर दे रहे हैं. चिकेन-मटन की सप्लाइ भी कम-कम मात्रा में कई खेपों में की जा रही है, ताकि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगे. शाम होते ही सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों में यह धंधा शुरू हो जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से अब सीमा से सटे यूपी के लोग बिहार के बाजारों में तथा बिहार के लोग यूपी के बाजारों में सब्जी की खरीददारी करने लगे हैं. बिहार के बाजारों में चिकेन-मटन आसानी से मिलने के कारण यूपी के आशिकों की शाम भी अब बिहार के बाजारों में ही रंगीन होने लगी है. ऐसे में सवाल यह है कि प्रशासन इस पर अंकुश लगा पायेगा या शराब और चिकेन का गोरखधंधा ऐसे ही चलता रहेगा.
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