छपरा : गैंगरेप पीड़ित महिला रंगकर्मियों के न्याय के लिया संस्कृतिकर्मियों ने किया आवाज बुलंद
धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी
छपरा में मंगलवार को झारखंड राज्य के खूंटी जिले के अड़की प्रखंड के एक गाँव में नुक्कड़ नाटक करने गई महिला कलाकारों के साथ हुए गैंगरेप के खिलाफ छपरा के संस्कृतिकर्मियों, कलाकारों और कला संगठनों ने भी प्रतिरोध की आवाज बुलंद करते हुए शाम को नगरपालिका चौक से थाना चौक तक संस्कृतिकर्मियों ने इस शर्मनाक घटना के खिलाफ कैंडल सह प्रतिरोध मार्च किया. जिसमें छपरा इप्टा, अबरी, जसम, रेडियो मयूर, फैक्ट, आदि संस्थाओं के संस्कृतिकर्मी शामिल हुए.
इस मौके पर इप्टा अध्यक्ष अमित रंजन ने महिला कलाकारों के साथ हुए शर्मनाक घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ शख्त क़ानूनी कार्रवाई और पीड़िताओं को तत्काल उचित मुआवजा देने की मांग झारखंड सरकार से की. साथ ही यह भी कहा कि देश में जहाँ कलाकारों को हमेशा सम्मान और प्यार मिलता रहा है यह घटना उसमे एक कला धब्बा है. झारखंड के मुख्यमंत्री से कलाकारों ने आग्रह किया कि वे कलाकारों की संवेदनाओं को ध्यान में रखकर इस घटना में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलायें.
रेडियो मयूर के अभिषेक अरुण ने कहा कि इस घटना को किसने और क्यों अंजाम दिया यह जाँच का विषय हो सकता है पर घटना घटी इससे इंकार नहीं किया जा सकता. महिलाओं के साथ ऐसी घटनाएँ सर्वथा निंदनीय है. फेस ऑफ फ्युचर इंडिया के आई जी अवार्डी मंटु कुमार ने कहा कि छपरा के संस्कृतिकर्मी और कलाकार हमेशा ऐसी शर्मनाक घटनाओं का पुरजोर विरोध करते रहे हैं. कंचन बाला ने कहा कि इस समय पूरा कलाकार परिवार पीड़ित कलाकारों के साथ है. श्याम सानू ने कहा कि इप्टा इसकी न्यायिक जांच कर दोषियों पर अविलंब करवाई की मांग करती है.
कैंडल सह प्रतिरोध मार्च में शिवांगी सिंह, अली अहमद, रंजीत गिरि, पम्मी मिश्रा, अजीत कुमार, पत्रकार शबनम, संभव संदर्भ, आदित्य, अमरजीत, अभिनन्दन, प्रेम मिश्रा आदि शामिल हुए.
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