बेगूसराय : मिलावटी शराब पीने से मौत मामले में जांच के लिए पहुंचे मुंगेर डीआईजी
नूर आलम
बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर भले ही लाख दावे किए जा रहे हो, लेकिन एक सच यह भी है कि इसी शराबबंदी में शराब पीने से लोगों की मौत भी हो रही है. सुशसान की सरकार भले ही शराबबंदी की सख्ती को लेकर नारे और बयानों का हवाला दे, लेकिन शराब पीकर हुई मौत सरकार के दावे की पोल खोल कर रख दे रही है. वहीं दूसरी तरफ लोगों का मानना है कि बेगूसराय के डीएम, एसपी व उत्पाद विभाग कार्यालय के बिल्कुल सटे गांधी स्टेडियम में आये दिन शराब और शबाव का कारोबार धड़ल्ले से चलता है. जिसमें जिला व पुलिस प्रशासन की संलिप्तता को नकारा नहीं जा सकता. जिस तरह से जहरीली शराब पीने से चार लोगों के मौत की खबर ने जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन की होश उड़ा दी, उसी तरह शराबबंदी के बावजूद भी शहर के कई बड़े-बड़े होटलों, पोखड़िया मोहल्ला, कचहरी चौक, कैंटीन चौक, हड़ताली चौक, सदर अस्पताल चौक, ट्रैफिक चौक समेत अन्य कई जगहों पर शराब का खुलेआम बिक्री व सेवन की चर्चा है. जबकि नगर थाना पुलिस क्षेत्र में शराबबंदी का खोखला दावा करती रहती है.
बता दें कि रविवार को बेगूसराय जिले के नगर थाना क्षेत्र के पोखड़िया मोहल्ला में मिलावटी शराब पीने से हुई चार दोस्तों की मौत मामले में जांच के लिए मुंगेर डीआईजी जितेंद्र मिश्रा को बेगूसराय भेज गया है. जहां डीआईजी ने पहुंच मामले की जांच पड़ताल शुरू भी कर दी है लेकिन जानकारी के मुताबिक चार में से केवल एक शव का ही पोस्टमार्टम हो पाया है. शेष तीन शव का कुछ अता-पता नहीं चला है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मृतकों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के पोखड़िया वार्ड-35 निवासी रामबालक पासवान के पुत्र जदयू नेता मनोज पासवान, बाल्टर राउत के 40 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार राउत, जामुन सिन्हा के 35 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार एवं लोहियानगर निवासी प्रदीप कुमार के रूप में की गयी. अब देखना होगा कि मुंगेर डीआईजी जितेंद्र मिश्रा की जांच रिपोर्ट में कौन सी बातें सामने आती है.
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