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पाकुड़ : कुख्यात नक्सली पुलिस हेम्ब्रम अपने दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार, भेजा गया जेल

मकसूद आलम

झारखण्ड के पाकुड़ में अमड़ापाडा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. अमताड़ा पुलिस ने कुख्यात नक्सली पुलिस हेमब्रम को आलूबेड़ा के बरमसिया रोड से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. रविवार को अमताड़ा पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र प्रसाद बर्नवाल ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी.

एसपी ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी के कुख्यात नक्सली पुलिस हेम्ब्रम अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के आलूबेड़ा बरमसिया मुख्य सड़क पर कोई घटना अंजाम देने के फिराक में है. इस पर अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी बीरेंद्र पांडेय को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. अमड़ापाड़ा थाना प्रभारी के नेतृत्व में सहायक अवर निरीक्षक कृष्ण कुमार सिंह, सहायक अवर निरीक्षक बिनोद मल्लिक सहित दर्जनों पुलिस जवानों ने छापेमरी कर पुलिस हेम्ब्रम को गिरफ्तार किया. एसपी ने बताया कि वर्ष 2015 में अमड़ापाड़ा थाना के रांगा गांव के सामने बांसलोई नदी पर मेसर्स इस्लाम कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पूल निर्माण किया जा रहा था. तीन अप्रैल 2015 की मध्य रात्रि को आधा दर्जन नक्सलियों ने काला वर्दी पहनकर हमला बोल दिया. झोपड़ी में आग लगा दी. साथ मे कर्मियों के मोबाईल सेट छीनते हुए पर्चा फेंका और काम छोड़ने का फरमान जारी किया था. उन्होंने कहा कि उक्त मामले को लेकर अमड़ापाड़ा थाना में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस ने एक जून 2015 को गोपीकांदर के स्टीफेन मरांडी को गिरफ्तार किया गया. स्टीफेन ने जोसेफ हेम्ब्रम और पुलिस हेम्ब्रम का नाम बताया था. स्टीफेन मरांडी और जोसेफ हेम्ब्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और पुलिस फरार चल रहा था. उन्होंने कहा कि गुप्त सूचना मिली थी के पुलिस हेम्ब्रम आलूबेड़ा रोड के समीप कोई घटना को अंजाम देने के फिराक में है. इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया. एसपी बर्नवाल ने बताया कि पुलिस हेम्ब्रम कई मामले में फरार चल रहा था. अमड़ापाड़ा थाना कांड संख्या 21/15 17 सीएलए एक्ट में वांछित था,गोपीकांदर थाना कांड संख्या 20/15 में मुख्य आरोपी था. पुलिस की नजर में फरार चल रहा था. उसके साथ दो अन्य नक्सली भी धराये हैं.

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