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पटना : लेख्य मंजूषा द्वारा ‘बज़्म-ए-अदब’ का हुआ आयोजन

अभिषेक श्रीवास्तव

पटना में शनिवार को साहित्यिक संस्था लेख्य-मंजूषा के तत्वाधान में पैराडाइज इंटरनेशनल स्कूल, पटेल नगर में नववर्ष के स्वागत में ‘बज़्म-ए-अदब’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता शायर समीर परिमल ने की जबकि संचालन प्रोफेसर डॉक्टर सुधा सिन्हा ने किया. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में ‘उड़ान’ पुस्तक के लेखक संजीव जी ने अपनी पुस्तक की विस्तृत चर्चा की.

इस  महफ़िल में उपस्थित कवियों एवं शायरों ने अपनी शानदार रचनाएँ सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. वरिष्ठ कवि घनश्याम ने सुनाया कि ‘जीवन की बगिया में पुष्पित हर्ष रहे मिटे तिमिर ज्योतिर्मय नूतन वर्ष रहे” वहीं सिद्धेश्वर प्रसाद ने सुनाया कि “वक्त के पहले चरागों को जलाते क्यों हो,मुझे भूले हुए पल याद दिलाते क्यों हो” वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शायर समीर परिमल ने सुनाया कि ‘सर पे इल्ज़ाम लिए जाते हैं ख़्वाब आंखों को दिए जाते हैं हम तरसते हैं एक क़तरे को वो समंदर ही पिए जाते हैं’

इस अवसर पर रामनाथ शोधार्थी, अविनाश कुमार पांडे, सिद्धेश्वर प्रसाद, नसीम अख्तर, डॉ पूनम देवा, प्रतिमा सिन्हा, एकता कुमारी, विनोद जी, संजीव जी, विकास राज, कवि घनश्याम, अक्स समस्तीपुरी, सूरज ठाकुर बिहारी, कुंदन आनंद, रवीन्द्र त्यागी, प्रेमलता सिंह, रंजना सिंह,  आदि ने काव्य पाठ किया. धन्यवाद ज्ञापन लेख्य-मंजूषा की सचिव वीणा हेम्ब्रम ने किया.

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